नवोदय विद्यालय में छात्र की मौत के बाद फूटा गुस्सा, परीक्षा छोड़ सड़क पर उतरे स्टूडेंट्स
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मल्हार स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में दो दिन पहले 10वीं के छात्र हर्षित यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद अब मामला गरमा गया है. बुधवार को सैकड़ों छात्र स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतर आए और कई घंटों तक विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने मेडिकल सुविधा की कमी, खराब हॉस्टल व्यवस्था और व्यवस्थाओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक सुधार नहीं होगा, वे आंदोलन नहीं रोकेंगे. बेलगहना निवासी हर्षित यादव नवोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं में पढ़ रहा था और हॉस्टल में रहता था. परिजनों के मुताबिक, छात्र की तबीयत बिगड़ने के बाद भी समय पर इलाज उपलब्ध नहीं हुआ.
हर्षित को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण उसके पिता को छात्र को बाइक पर बांधकर अस्पताल ले जाना पड़ा. बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिवार ने इसे स्पष्ट लापरवाही बताया.
छात्रों का फूटा गुस्सा
मौत के दो दिन बाद जब प्रबंधन की ओर से कोई समाधान या कदम नहीं उठाया गया, तो छात्रों ने आज सामूहिक रूप से विरोध का निर्णय लिया. वे सुबह से विद्यालय गेट के बाहर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि शिकायतें वर्षों से की जा रही हैं लेकिन सुनवाई कभी नहीं हुई.
हॉस्टल की हालत खंडहर जैसी
छात्रों ने बताया कि हॉस्टल की हालत बेहद खराब है. 7 साल से पुताई तक नहीं हुई, टॉयलेट जर्जर हैं, सफाई बेहद खराब है और खटमल-चूहों से विद्यार्थियों की नींद तक छिन जाती है. 500 छात्रों के लिए सिर्फ तीन स्वीपर नियुक्त हैं. कई बार सीलिंग फैन गिरने जैसी घटनाएं भी हो चुकी हैं.
परीक्षा छोड़कर सड़क पर छात्र
10वीं और 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा के बावजूद छात्रों ने आज विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि पढ़ाई तभी संभव है, जब सुरक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएं मिलें. छात्रों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे लोग आंदोलन जारी रखेंगे.
प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग
मृतक छात्र के पिता और अभिभावकों ने नवोदय विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही, अनदेखी और व्यवस्था सुधार न करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और हॉस्टल, मेस और मेडिकल व्यवस्था के तत्काल सुधार की मांग की है.


