बढ़ रहे हैं मानसिक रोग, कोरोना से जीतकर भी यूं हार रहे हैं मरीज
जो मरीज कोरोना के संक्रमण (Corona Infection) को हराकर पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं, उनमें भी करीब आधे लोग मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। पिछले दिनों आई रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना से ठीक होने के बाद अधिकांश लोगों में हार्ट की समस्या (Heart Disease After Corona), किडनी की समस्या और मानसिक रोग (Mental Disorders) अधिक देखने को मिल रहे हैं। वहीं, ताजा रिसर्च में यह बात सामने आई है कि मानसिक रोगों में भी कौन-से रोग सबसे अधिक हो रहे हैं…
ऐसे पेशंट्स जो कोरोना संक्रमण (Corona Virus Infection) को हराकर ठीक हो गए हैं, वे अब भी इस वायरस द्वारा दी गई दिक्कतों को झेलने पर मजबूर हैं। हाल ही उन पेशंट्स पर की गई स्टडी सामने आई है, जो कोरोना ठीक होने के बाद अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि ये बीमारियां इन मरीजों को कोरोना संक्रमण के कारण झेलनी पड़ रही हैं। इनमें मानसिक बीमारियां भी शामिल हैं।
आधे लोग झेल रहे हैं ऐसी स्थितियां
-ऐसा नहीं है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद सभी पेशंट्स को मानसिक परेशानियां हो रही हैं लेकिन जिन लोगों को यह संक्रमण होकर ठीक हो चुका है, उनमें आधे से अधिक मरीजों में मानसिक बीमारियां देखने को मिल रही हैं।
-इन मानसिक बीमारियों में ऐंग्जाइटी (Anxiety), इंसोमनिया (Insomnia), डिप्रेशन (Depression) और ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) और पोस्ट ट्रोमेटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर (PTSD) जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इनमें भी ज्यादातर रोगियों में नींद ना आने की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है। इस स्थिति में ये लोग हर समय बेचैनी का अनुभव करते हैं।
इटली से आई खबर
-आपको बता दें कि यह स्टडी इटली के एक हॉस्पिटल द्वारा की गई है। कोरोना के शुरुआती दौर में इटली उन देशों में शामिल था, जहां कोरोना महामारी ने आतंक मचा रखा था। अब इटली के शहर मिलान स्थित सैन राफेल हॉस्पिटल में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना के इलाज के लिए अस्ताल में जितने मरीज भर्ती हुए उनमें से आधे मरीजों को इस संक्रमण से ठीक होने के बाद मानसिक बीमारियों ने घेर लिया। इसी तरह की रिपोर्ट्स अलग-अलग जगहों से भी आ रही हैं, जिनमें कोरोना पेशंट्स के ठीक होने के बाद Post-traumatic stress disorder (PTSD) की दिक्कत देखने को मिल रही है।
कितने प्रतिशत लोगों में कौन-सी बीमारी
-जिन लोगों में कोरोना को हराने के बाद मानसिक विकार उत्पन्न हो रहे हैं, उनमें सबसे अधिक समस्या ऐसे लोगों की है, जिन्हें नींद ना आने की दिक्कत हो रही है। अगर प्रतिशत के हिसाब से बात करें तो नींद ना आने की समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या करीब 40 प्रतिशत है। जबकि डिप्रेशन के मरीजों की संख्या 31 प्रतिशत और ऐंग्जाइटी से जूझ रहे लोगों की संख्या 42 प्रतिशत है।
-कोरोना वायरस का मानसिक स्थिति पर इस तरह हावी होना और मानसिक रोगों को बढ़ानेवाली स्थिति देखकर हेल्थ एक्सपर्टस लोगों से हर वो संभव प्रयास करने की अपील कर रहे, जिससे कोरोना उन्हें संक्रमित ना कर सके। यानी हाइजीन का ध्यान रखें, खान-पान संबंधी सतर्कता बनाए रखें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। मास्क और हैंडसैनिटाइजर का उपयोग करें।
क्यों बढ़ रहा है मानसिक विकार?
-इस बारे में तो हम बात कर चुके कि कोरोना संक्रमण होने के बाद पीड़ित रोगियों में मानसिक रोग के लक्षण दिखाई देन लगते हैं। अब सवाल यह उठता है कि कोरोना वायरस के कारण शरीर के अंदर ऐसा क्या होता है जो मानसिक रोगों की वजह बन रहा है। तो इसकी एक संभावित वजह जो अभी तक सामने आई है, वह यह है कि कोविड-19 के कारण हमारे फेफड़ों (Lungs) में सूजन आती है। धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य अंगों की तरफ भी बढ़ने लगती है। जिन रोगियों में यह सूजन (Inflammation) दिमाग तक पहुंच जाती है, उनके ब्रेन की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न होती है और उन्हें अलग-अलग तरह की मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
-इस विषय पर शोध करनेवाली एक्सपर्ट्स की टीम ने इस बात को साफ किया है कि इस दिशा में अभी बहुत अधिक रिसर्च किए जाने की जरूरत है। फिलहाल हम हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स से कह रहे हैं कि वे संक्रमित रोगियों का इलाज करने के दौरान उनकी शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत का लगातार निरीक्षण करें।