भारतीय संस्कृति योग की शिक्षा के साथ अनुशासन, स्वच्छता, आत्मीयता एवं शुभ भाव में रहने का संदेश देते है


भोपाल. आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र स्वर्ण जयंती पार्क में पानी के कुंड के पास कोलार रोड भोपाल पर योग साधको एवं प्रकृति प्रेमीजन द्वारा बसंत पंचमी महोत्सव धूमधाम से सामूहिक योग अभ्यास करते हुए मनाया जायेगा | समय सुबह 8 से 9 हिन्दी पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जनमानस में वसंत पंचमी के नाम से लोकप्रिय है। इस वर्ष वसंत पंचमी का त्योहार 16 फरवरी दिन मंगलवार को पड़ रहा है। आज के दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक के साथ विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीष मिलता है |

वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा की जाती है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। इस वजह से ही वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आराधना करने से माता सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं।

मां सरस्वती को जरूर अर्पित करें ये चीजें
वसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को स्नान आदि से निवृत होने के बाद पीले या श्वेत वस्त्र धारण करना चाहिए। मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के दौरान उनको पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा उनको केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं। पीले वस्त्र भेंट करें। वसंत पंचमी का दिन शिक्षा प्रारंभ करने, नई विधा, कला, संगीत आदि सीखने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। छोटे बच्चों को इस दिन अक्षर ज्ञान कराया जाता है। आज के दिन लोग गृह प्रवेश का कार्य भी करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी को कामदेव पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं और हर ओर प्रेम का संचार करते हैं | वसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं। आज के दिन सरस्वती पूजा के अतिरिक्त भगवान तथा कामदेव की भी आराधना करते हैं ।

अध्यात्म की राह भी दिखाता है वसंत
वसंत पर्व जहां एक ओर आशा, उत्साह एवं उमंग से परिपूर्ण जीवन की ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा और बुद्धि के समुचित नियोजन का आशावादी वातावरण भी बनाता है। ऋतुराज वसंत के आते ही प्रकृति का रूप निखर उठता है। पतझड़ की विदाई शुरू होती है और धरती पर शस्य श्यामला होने लगती है। कुछ ही दिनों में माहौल बदल-सा जाता है और धरती हरे-भरे पेड़-पौधों, उन पर छाई नई-नई कोपलों और फूलों से मनोरम हो उठती है। सरसों के फूलों की वसंती चादर ओढ़कर नैसर्गिक शृंगार से सज-धज जाती है। बयार में यह रूप नवगति, नवलय, तालछंद नव से समन्वित हो जाता है। मनुष्य ही नहीं कुदरत का कोना-कोना पुलकित हो उठता है। यह आनंद वसंत के रूप में प्रकट होता है। काव्य-ग्रंथों और शास्त्रों, पुराणों में वसंत का सजीव वर्णन मिलता है। कवियों ने लौकिक और आध्यात्मिक चित्त से ऋतुराज के लिए समृद्ध मन से गीत गाए हैं।

आओ हम सब मिलकर सामूहिक योग अभ्यास करने का संकल्प लें एवं सबके स्वस्थ और निरोगी प्रसन्न सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करें |
मास्क का उपयोग करें, एवं घर पर रहकर योग करने की आदत बनाये | आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र लगातार कई वर्षो से स्वर्ण जयंती पार्क में एवं वर्तमान में 10 महीनों से ऑनलाइन फेसबुक के माध्यम से निशुल्क सुबह एवं शाम को योग के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहा है कोई अवकाश नहीं रखते हुए सभी धार्मिक सामाजिक राष्ट्रीय त्यौहार उत्साह पूर्वक मनाते है साधकों के जन्मदिन पर वृक्षारोपण के साथ लोगों को स्वच्छता सुरक्षा के प्रति भी जागरूक किया जाता है

बसंत पंचमी पर्व की शुभकामनायें
योग गुरु महेश अग्रवाल 9827042893
निशुल्क योग क्लास में जुड़े ऑनलाइन फेसबुक के माध्यम से सुबह 5 से 7, एवं स्वर्ण जयंती पार्क में सुबह 8 से 9 नियमित क्लास चालू हो चुकी है | कोशिश करें घर पर रहकर ही योग करें, फेसबुक पर जुड़ने के लिए लिंक पर लाइक करें –
https://www.facebook.com/Maheshagrawal67/?ti=as

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!