बिहार से मंगाना हो चावल, गुजरात से साड़ी, रेलवे आपके लिए लेकर आ रही ये सर्विस
नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में शुमार भारतीय रेलवे (Indian Railway) अब डोर-टू-डोर डिलीवरी सर्विस (door-to-door delivery service) पर भी अपनी नजरें जमा रहा है. कुरियर कंपनियों या ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह रेलवे भी लोगों को उनके घर पर किसी अन्य राज्य या शहर से मंगाई चीजों को डिलीवर करने के लिए ट्रायल कर रहा है. खास बात यह है कि इसमें ट्रांसपोर्टेशन चार्ज काफी कम लगेगा.
ऐप से तय होगा चार्ज
वो दिन दूर नहीं है जब आप सूरत की साड़ी या बिहार के चावल की बोरी घर बैठे पा सकेंगे और इसके लिए बहुत कम ट्रांसपोर्टेशन चार्ज देना होगा. देश में बढ़ते लॉजिस्टिक मार्केट को देखते हुए भारतीय रेल भी इसमें उतरने की तैयारी में है. इसके लिए किफायती दामों पर डोर-टू-डोर डिलीवरी सर्विस देने के लिए ट्रायल भी शुरू हो चुके हैं. यह ट्रायल इंडिविजुअल कस्टमर के अलावा बड़ी मात्रा में सामान मंगवाने वाले थोक ग्राहकों के लिए भी चलाए जा रहे हैं. इस डोर-टू-डोर डिलीवरी सर्विस को सुविधाजनक बनाने के लिए ऐप का उपयोग किया जाएगा. इसमें कस्टमर को दी गई रिसीव्ड पर बने क्यूआर कोड को ऐप की मदद से स्केन करने पर पार्सल की लोकेशन पता चल जाएगी. साथ ही ऐप के जरिए ही चार्ज और डिलीवरी में लगने वाला अनुमानित समय भी पता चल जाएगा.
अन्य प्लेयर्स की लेगा मदद
इस डोर-टू-डोर डिलीवरी सेवा में रेलवे ट्रांसपोर्टर की भूमिका में रहेगा. लेकिन पार्सल को घर तक पहुंचाने के लिए अन्य प्लेयर्स की मदद लेगा. इन प्लेयर्स की मदद से रेलवे एक मॉड्यूल विकसित करेगी. उम्मीद है कि आने वाले जून-जुलाई तक दिल्ली-एनसीआर और गुजरात के साणंद सेक्टर में इस तरह की पहली सेवा शुरू हो सकती है. इसके लिए पूरी तैयारियां हो चुकी हैं और इन-हाउस ट्रायल भी हो चुके हैं.
शुरुआत में व्हाइट गुड्स और छोटी चीजों को टारगेट किया जाएगा. इस सेवा में कस्टमर्स को 2 तरह की सुविधा दी जाएगी. पहली, वे रेलवे द्वारा तय किए गए प्वांइट्स से अपना पार्सल ले सकते हैं. दूसरी, उनके घर या दफ्तर के दिए गए पते पर वह पार्सल पहुंचाया जाएगा. कस्टमर इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं. बता दें कि रेलवे कार्गो से होने वाली कमाई को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है और यह सुविधा भी इसी योजना का हिस्सा है.