हो जाएं सावधान, इन हालातों में नष्‍ट हो जाता है ज्ञान, धन और खानदान!

चाणक्‍य नीति अच्‍छा जीवन जीने के तरीके बताती है, साथ ही गलतियों से आगाह भी करती है. ताकि व्‍यक्ति मुसीबतों से बचा रहे. आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्‍त्र में कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताया है जिन्‍हें करने से हर व्‍यक्ति को बचना चाहिए, वरना उसका जीवन तबाह हो जाता है. आइए हम उन गलतियों के बारे में जानते हैं जो व्‍यक्ति की धन-दौलत, परिवार, सौंदर्य, मान-सम्‍मान सब कुछ नष्‍ट कर देती हैं.

जीवन में कभी न करें ये गलतियां

– चाणक्‍य नीति कहती है कि व्‍यक्ति कितना भी ज्ञानवान क्‍यों न हो यदि उसके जीवन का कोई लक्ष्‍य नहीं है तो ऐसा ज्ञान व्‍यर्थ है. शिक्षा का सही उपयोग तभी है जब व्‍यक्ति को उसका लक्ष्‍य पता हो और वह उसे पाने के लिए सही रास्‍ते पर चले.

– व्‍यक्ति शरीर से कितना भी सुंदर और स्‍वस्‍थ क्‍यों न हो यदि उसमें ढेरों बुरी आदतें हों तो उसका सुंदर होना व्‍यर्थ है. सच्‍ची सुंदरता वह है जब व्‍यक्ति का तन-मन और आचरण सभी कुछ अच्‍छा हो.

– यदि व्‍यक्ति दुष्‍ट हो, गलत आचरण करे, दूसरों को धोखा दे तो वह अपने कुल का ही दुश्‍मन बन जाता है. इससे उसका परिवार न केवल दुख पाता है, बल्कि समाज में मान-प्रतिष्‍ठा भी खो देता है.

– आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि जिस दान का भोग न किया जाए, जिसका दान न किया जाए वह धन नष्‍ट हो जाता है. यदि अपने पैसे का सदुपयोग चाहते हैं तो उसे अपने और अपने परिवार पर खर्च करें. साथ ही उसका उपयोग जरूरतमंदों की मदद करनें में और सामाजिक काम करने में करें.

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