June 27, 2024

लखनऊ की हाई प्रोफाइल सीटों पर BJP आज जारी करेगी लिस्ट! ED के डायरेक्टर का VRS मंजूर, सुल्तानपुर से लड़ सकते हैं चुनाव

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधान सभा चुनाव (Assembly Election 2022) की सरगर्मी तेज है. इस बीच आज (मंगलवार को) लखनऊ (Lucknow) की सभी 9 विधान सभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो सकती है. सूत्रों की मानें तो इस लिस्ट में कई चौंकाने वाली बातें हैं. एक या दो मंत्रियों की सीट बदल सकती है और एक मंत्री का टिकट भी कट सकता है. या फिर कोई नया उम्मीदवार सिटिंग विधायक की जगह दावेदार हो सकता है.

लखनऊ कैंट की सीट पर फंसा पेंच

सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रयागराज (Prayagraj) से बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के बेटे मयंक जोशी (Mayank Joshi) सपा (SP) का दामन थाम सकते हैं. आज शाम को उनके सपा में जाने को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है. कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें सपा से लखनऊ कैंट का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

ईडी के डायरेक्टर के वीआरएस को मिली मंजूरी

वहीं ईडी के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) के वीआरएस को मंजूरी मिल गई है. सूत्रों के मुताबिक, वो सुल्तानपुर (Sultanpur) शहर से चुनाव लड़ सकते हैं. डॉक्टर राजेश्वर सिंह ईडी में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर थे. उनकी तैनाती लखनऊ में थी. डॉक्टर राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में थे और ईडी में डेपुटेशन पर गए थे, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद परमानेंट कर दिया गया था.

बता दें कि डॉक्टर राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह आईपीएस अधिकारी हैं और लखनऊ में आईजी रेंज हैं. बहन मीनाक्षी आईआरएस अधिकारी, आभा सिंह IPoS अधिकारी और जीजा वाईपी सिंह आईपीएस अधिकारी और राजीव कृष्णा एडीजी आगरा रेंज हैं.

राकेश अस्थाना के साथ हुई लड़ाई में आया विराम

गौरतलब है कि सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा और दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की बीच हुई लड़ाई के पीछे भी राजेश्वर एक बड़ी वजह थे क्योंकि राजेश्वर अपनी बहन मीनाक्षी और जीजा राजीव कृष्णा को सीबीआई में डेपुटेशन पर लाना चाहते थे. उस दौरान राजेश्वर दिल्ली में तैनात थे. आरोप है कि राकेश अस्थाना और रॉ के अधिकारियों की बातचीत को अवैध तरीके से रिकॉर्ड किया गया था. हालांकि अब राजेश्वर जल्द ही बीजेपी में शामिल होकर सुल्तानपुर से चुनाव लड़ सकते है तो माना जा सकता है कि राकेश अस्थाना के साथ हुई लड़ाई में विराम आ गया है.

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