भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या कहते हैं. इस दिन का काफी महत्व है, क्योंकि ऐसा संयोग बहुत कम बनता है. इस साल शनि अमावस्या शनिवार यानी कि 27 अगस्त को पड़ रही है. ऐसे में इस दिन को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या 26 अगस्त को दोपहर करीब 12
भगवान श्रीकृष्ण हमेशा अपने मुकुट पर मोरपंख (Morpankh) धारण करते रहते हैं. इसके साथ ही कामधेनु गाय (Maa Kamdhenu) भी कान्हा जी की खास पहचान रही है. जन्माष्टमी के पर्व पर इन दोनों को मंदिर में धारण करना अच्छा माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रुटीन में भी दोनों को मंदिर या
धार्मिक ग्रंथों में मां लक्ष्मी और कुबेर देव को धन के देवी-देवता की उपाधि दी गई है. किसी भी तरह की आर्थिक समस्या और दरिद्रता संबंधी परेशानी के लिए मां लक्ष्मी और कुबरे देव की पूजा का विधान है. आज हम कुबेर देव के ऐसे तीन मंत्रों के बारे में जानेंगे, जिनके जाप से व्यक्ति
हिंदू धर्म में हर माह का अपना विशेष महत्व बताया जाता है. हर माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. उस माह में उन देवता की पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त, बुधवार के दिन पड़ रही है. बुधवार के दिन होने का
देश-दुनिया में इस बार जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को मनाया जा रहा है. इसके लिए मथुरा-वृंदावन समेत सभी घरों में तैयारियां जारी हैं. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है. यह व्रत बाकी व्रत की तुलना में ज्यादा कठिन माना जाता है. इस दिन कान्हा
चाणक्य ने जिन्दगी को सुखी बनाने के लिए अपने नीतिशास्त्र में कई ऐसी मारक बातें बताई हैं. चाणक्य का मानना है कि शरीर को निरोग रखना जीवन को सुखमय बनाने की ओर पहला कदम है. चाणक्य के नीतिशास्त्र की माने तो अगर कोई इंसान किसी भी बीमारी से पीड़ित है या शारीरिक तौर पर बीमार
कई बार हम सपनों में बहुत विचित्र चीजें देख लेते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का कुछ मतलब होता है. सपनों की दुनिया ही बहुत अजब गजब होती है. स्वप्न शास्त्र में सपनों के बारे में विस्तार से बताया गया है. आपने सुना होगा कि सुबह सुबह के सपने शुभ होते हैं लेकिन
सावन महीने की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाने के बाद अगले दिन भाद्रपद महीने की प्रतिपदा को भुजरिया पर्व मनाया जाता है. इसे कजलिया पर्व भी कहते हैं. इस साल आज यानी कि 12 अगस्त 2022 को भुजरिया पर्व मनाया जाएगा. इस दिन लोग एक-दूसरे से मिलकर गेहूं की भुजरिया देते हैं और उन्हें भुजरिया पर्व
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है. इस साल 13 अक्टूबर 2022 को करवा चौथ मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिनें पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और फिर रात को चंद्रमा के दर्शन करके, उन्हें अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलती हैं. इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश, भगवान शिव
अगर आपने फेंगशुई शास्त्र (feng shui shastra) को पढ़ा होगा तो इससे जुड़ी कई खास बातों की जानकारी आपको होगी. इस शास्त्र में ड्रैगन की ताकत और चमत्कार के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसे श्रेष्ठता, दिव्यता और शूरता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. फेंगशुई शास्त्र कहता है कि, जो
पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पुरखों की आत्मा की शांति के लिए दान और तर्पण को धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से बेहद जरूरी बताया गया है. इस विशेष काम के लिए हर साल श्राद्ध पक्ष में कुछ विशेष आयोजन किये जाते हैं. पितृ पक्ष के इन 15 दिनों में लोग अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के
भाई और बहन के पवित्र रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन इस साल 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जायेगा. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. लेकिन आपने सुना होगा कि भद्रा के साए में राखी बांधने का शुभ काम नहीं किया जाता है. भद्रा काल में भाई को राखी बांधना अशुभ
रक्षाबंधन का पर्व 11-12 अगस्त को मनाया जाएगा. बहनें भाई के लंबी आयु की कामना करते हुए भाईयों की कलाई पर राखी बांधेंगी और वहीं, भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देंगे. वहीं, वृंदावन में बांके बिहारी जी के मंदिर में लगातार राखियां पहुंच रही हैं. देशभर से 10 हजार से अधिक राखियां पहुंच
राम नाम की महिमा अनंत है. रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसका बहुत ही सुंदर वर्णन किया है. राम नाम से बड़ा कुछ भी नहीं. यह सबसे ऊपर है, सब देवों से बड़ा. यहां तक कि जिन देवी देवताओं के अंदर किसी को वरदान देने की क्षमता है, यह राम नाम उन देवों
सावन का महीना चल रहा है. सनातन धर्म में यह महीना श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही खास होता है. ऐसे पावन महीने में आपको कुछ गलतियों से बचना बहुत जरूरी है. हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष स्थान दिया गया है. तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है. तुलसी का पौधा घर में
नागपंचमी के अवसर पर प्रयागराज में दारागंज (Daraganj) के नागवासुकि मंदिर की महिमा विशेषरूप से बढ़ जाती है. सावन माह और नागपंचमी पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान मंदिर में विग्रह के दर्शन मात्र से पाप का नाश होता है. वहीं, कालसर्प के दोष (Kalsarp Dosh)
सावन महीने (Sawan Month) में शिव मंदिरों के दर्शन करना, प्रमुख तीर्थों में जाना बहुत फलदायी होता है. इसलिए सावन महीने में देश के प्रमुख शिव मंदिरों (Shiv Mandir) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. इनमें से कई मंदिर प्राचीन हैं और इनसे जुड़े रहस्यों के कारण दुनिया भर से लोग इनके दर्शन करने
हनुमान जी एक मात्र ऐसे देवता हैं, जो कलयुग में विराजमान हैं. हनुमान जी को मां सीता ने अमरता का वरदान दिया था. कहते हैं कि सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से हनुमान जी भक्तों के सभी कष्ट दूर कर देते हैं. विदि-विधान के साथ हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों
भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त, गुरुवार के दिन की पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. कहा जा रहा है कि इस बार की जन्माष्टमी बेहद खास है क्योंकि इस बार
सामुद्रिक शास्त्र में इंसान के शरीर की बनावट से उसके स्वभाव और भविष्य को लेकर काफी कुछ जाना जा सकता है. इसी तरह पैरों की बनावट से भी इंसान के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है. पैरों के तलवे शरीर का काफी अहम अंग है. सामुद्रिक शास्त्र में तलवों के बारे में काफी