गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना होने के 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन होता है. लोग अगले बरस जल्दी आने की गुहार के साथ गणपति बप्पा को विदा करते हैं. वहीं कुछ लोग दस दिन के अलावा डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन और आठ दिन के लिए भी गणपति रखते हैं. इस
सितंबर का महीना शुरू हो चुका है. वहीं, त्योहारों के सीजन की भी शुरुआत हो चुकी है. आने वाले महीनों में काफी व्रत और त्योहार पडेंगे. इसके साथ ही विभिन्न ग्रहों के राशि परिवर्तन और गोचर भी होंगे. ऐसे में यह महीना धर्म-कर्म की दृष्टि से काफी खास रहने वाला है. इस महीने जहां पितृ
हर इंसान चाहता है कि उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे. इसके लिए वह पूजा-पाठ से लेकर हर तरह के जतन करता है. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होने वाली है. यह व्रत 16 दिनों तक रखा जाता है. इन 16 दिनों तक महिलाएं व्रत रखकर मां
महाराज विदुर महाभारत काल के प्रमुख पात्रों में से एक हैं. वह महान राजनीतिज्ञ, विवेकशील और बुद्धिमान थे. उनकी बनाई नीतियां सफल जीवन पाने में बहुत मददगार हैं. महात्मा विदुर की नीतियां विदुर नीति के नाम से प्रचलित हैं और इसमें जीवन से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. विदुर नीति में उत्तम पुरुष
भाद्रपद की पूर्णिमा और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष कहते हैं. वर्ष 2022 में पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022, शनिवार से आरंभ होकर 25 सितंबर 2022, रविवार तक रहेगा. पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को तर्पण कर उन्हें याद करते हैं और उनके नाम पर उनकी मृत्यु तिथि पर
गणेश चतुर्थी से 10 दिनों का गणेशोत्सव शुरू हो गया है. आज 31 अगस्त, बुधवार को गणेश जी की प्रतिमाएं पूरे विधि-विधान से स्थापित की जाएंगी. गणपति बप्पा अगले 10 दिनों तक अपने भक्तों के साथ रहेंगे. इस दौरान भक्त गणपति को प्रसन्न करने के लिए उनकी खूब सेवा करेंगे. गणेश जी को उनके प्रिय
जानबूझ कर यदि किसी की हत्या की जाए यानी किसी को अकाल मृत्यु दे दी जाए फिर वह चाहे एबॉर्शन ही क्यों न हो, यह भयंकर पितृ दोष (Pitru Dosh) बनाने वाली गलती होती है. इसका दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियां भोगती हैं. ऐसी गलती से परिवार विघटित हो जाते हैं और संकट थमने का नाम
देशभर में गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. इस साल 31 अगस्त यानी बुधवार को गणपति हमारे घरों में पधारेंगे. इसी दिन गणपति जी पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा की जाएगी. गणपति की घर में स्थापना करने से पहले कुछ बातों की ध्यान रखना बेहद जरूरी है. वास्तु शास्त्र में
हर साल की तरह इस बार हरतालिका तीज का व्रत 30 सिंतबर को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत काफी कठिन माना जाता है. इसे दिन और रात दोनों समय लगातार रखना पड़ता है और इस दौरान महिलाएं कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं.
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या कहते हैं. इस दिन का काफी महत्व है, क्योंकि ऐसा संयोग बहुत कम बनता है. इस साल शनि अमावस्या शनिवार यानी कि 27 अगस्त को पड़ रही है. ऐसे में इस दिन को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या 26 अगस्त को दोपहर करीब 12
भगवान श्रीकृष्ण हमेशा अपने मुकुट पर मोरपंख (Morpankh) धारण करते रहते हैं. इसके साथ ही कामधेनु गाय (Maa Kamdhenu) भी कान्हा जी की खास पहचान रही है. जन्माष्टमी के पर्व पर इन दोनों को मंदिर में धारण करना अच्छा माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रुटीन में भी दोनों को मंदिर या
धार्मिक ग्रंथों में मां लक्ष्मी और कुबेर देव को धन के देवी-देवता की उपाधि दी गई है. किसी भी तरह की आर्थिक समस्या और दरिद्रता संबंधी परेशानी के लिए मां लक्ष्मी और कुबरे देव की पूजा का विधान है. आज हम कुबेर देव के ऐसे तीन मंत्रों के बारे में जानेंगे, जिनके जाप से व्यक्ति
हिंदू धर्म में हर माह का अपना विशेष महत्व बताया जाता है. हर माह किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. उस माह में उन देवता की पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त, बुधवार के दिन पड़ रही है. बुधवार के दिन होने का
देश-दुनिया में इस बार जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को मनाया जा रहा है. इसके लिए मथुरा-वृंदावन समेत सभी घरों में तैयारियां जारी हैं. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है. यह व्रत बाकी व्रत की तुलना में ज्यादा कठिन माना जाता है. इस दिन कान्हा
चाणक्य ने जिन्दगी को सुखी बनाने के लिए अपने नीतिशास्त्र में कई ऐसी मारक बातें बताई हैं. चाणक्य का मानना है कि शरीर को निरोग रखना जीवन को सुखमय बनाने की ओर पहला कदम है. चाणक्य के नीतिशास्त्र की माने तो अगर कोई इंसान किसी भी बीमारी से पीड़ित है या शारीरिक तौर पर बीमार
कई बार हम सपनों में बहुत विचित्र चीजें देख लेते हैं. स्वप्न शास्त्र के अनुसार हर सपने का कुछ मतलब होता है. सपनों की दुनिया ही बहुत अजब गजब होती है. स्वप्न शास्त्र में सपनों के बारे में विस्तार से बताया गया है. आपने सुना होगा कि सुबह सुबह के सपने शुभ होते हैं लेकिन
सावन महीने की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाने के बाद अगले दिन भाद्रपद महीने की प्रतिपदा को भुजरिया पर्व मनाया जाता है. इसे कजलिया पर्व भी कहते हैं. इस साल आज यानी कि 12 अगस्त 2022 को भुजरिया पर्व मनाया जाएगा. इस दिन लोग एक-दूसरे से मिलकर गेहूं की भुजरिया देते हैं और उन्हें भुजरिया पर्व
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है. इस साल 13 अक्टूबर 2022 को करवा चौथ मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिनें पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और फिर रात को चंद्रमा के दर्शन करके, उन्हें अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलती हैं. इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश, भगवान शिव
अगर आपने फेंगशुई शास्त्र (feng shui shastra) को पढ़ा होगा तो इससे जुड़ी कई खास बातों की जानकारी आपको होगी. इस शास्त्र में ड्रैगन की ताकत और चमत्कार के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसे श्रेष्ठता, दिव्यता और शूरता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. फेंगशुई शास्त्र कहता है कि, जो
पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पुरखों की आत्मा की शांति के लिए दान और तर्पण को धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से बेहद जरूरी बताया गया है. इस विशेष काम के लिए हर साल श्राद्ध पक्ष में कुछ विशेष आयोजन किये जाते हैं. पितृ पक्ष के इन 15 दिनों में लोग अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के