फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें 0.75 प्रतिशत बढ़ाई, जानें भारत पर क्या होगा असर

अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में वृद्धि करने का ऐलान किया है। यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट यानी 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है और इस कारण से भारतीय मुद्रा और अधिक कमजोर हो सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने साल 1994 के बाद से ब्याज दरों में यह सबसे बड़ी वृद्धि है। अमेरिका में ब्याज दरों की बढ़ोतरी करने के फैसले का असर वैश्विक बाजारों में भी देखने को मिल सकता है।

अमेरिका में तेजी से बढ़ी महंगाई

आपको बता दें कि कोरोना संकट के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अमेरिका में भी दिख रहा है। अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 1981 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और 8.6 प्रतिशत पर आ गई है। अमेरिका में महंगाई में यह बढ़ोतरी खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भी देखी गई है।

अमेरिका फेड रिजर्व ने पहले ही ब्याज दरों में और बढ़ोतरी के संकेत दिए थे। अमेरिकी फेड ने यह भी कहा है कि वह अमेरिकी शेयर बाजार पर इस दर वृद्धि के प्रभाव पर नजर रखेगा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी करके मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रण में करने का प्रयास किया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने कहा है कि महंगाई दर को 2 फीसदी पर लाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बुरा असर

अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी होगा। अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के कारण कारण डॉलर के मुकाबले रुपया गिर सकता है। फेड द्वारा दरें बढ़ाने के बाद डॉलर की दर में बड़ी वृद्धि देखी जा सकती है और रुपए में गिरावट के कारण भारत में महंगाई और बढ़ सकती है। भारत में रिजर्व बैंक पर भी एक बार फिर नीतिगत ब्याज दरों को बढ़ाने का दबाव बढ़ सकता है।

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