हल्‍दी घाटी स्मृति स्थल से मिलेगी शौर्य की प्रेरणा : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

वर्धा. हल्‍दी घाटी दिवस के अवसर पर रविवार 19 जून को महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में ‘माटी है बलिदान की’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि हल्दी घाटी स्मृति स्थल से युवाओं को शौर्य की प्रेरणा मिलेगी।  हल्दी घाटी विजय दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार, 19 जून को विश्‍वविद्यालय के गालिब सभागार में आयोजित समारोह में विशिष्‍ट अतिथि के रूप में  जनार्दन राय नागर राजस्‍थान विद्यापीठ, उदयपुर के कुलपति कर्नल एस. एस. सारंगदेवोत एवं कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय शांतिलाल जानी उपस्थित थे। इस अवसर पर  प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल और प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव कादर नवाज खान मंचासीन उपस्थित थे।

कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि आज का दिन शौर्य की माटी का अभिनंदन करने का दिन है । वर्तमान परिस्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि युवा मन को विद्रूप किया जा रहा है।   हल्दी घाटी की माटी उनमें देश के प्रति आत्मीयता का भाव जगाने का काम करेगी। उन्होंने मेवाड़ की महान परंपरा और महाराणा प्रताप के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए  कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में उनके बलिदान को याद करने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि मेवाड़ की माटी युवाओं में देश और समाज के अंतिम आदमी के लिए जीने का साहस पैदा करेगी।

जनार्दन राय नागर राजस्‍थान विद्यापीठ, उदयपुर के कुलपति कर्नल एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि पांच सौ वर्ष बाद भी हल्दी घाटी की माटी का गौरव कायम है। उन्होंने कहा कि वर्धा विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप की चेतक घोड़े के साथ भव्य मूर्ति बनाने का खर्च स्वयं वहन करेंगे।

जनार्दन राय नागर राजस्‍थान विद्यापीठ के कुलाधिपति प्रो. बलवंतराय जानी ने  कहा कि कुलपति प्रो. शुक्ल ने पिछले वर्ष हल्दी घाटी से मिट्टी लाकर वर्धा में विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्थल बनाने का संकल्प लिया था, जो आज पूरा हुआ है। यह स्थल सब के मन में राष्ट्र के प्रति आदरभाव जागृत करेगा।

कार्यक्रम के दौरान महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय और जर्नादन राय नागर राजस्‍थान विद्यापीठ, उदयपुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गये।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्‍वागत  प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागिट ने किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की युक्ति और महाराणा प्रताप की शक्ति का संगम विश्वविद्यालय में हुआ है। मंगलाचरण डॉ. जगदीश नारायण  तिवारी ने प्रस्‍तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदर्शनकारी कला विभाग के अध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश भारती ने किया। कुलसचिव कादर नवाज खान ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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