May 2, 2024

कोरोना वायरस से बचना है तो ‘धूप’ में भी बिताएं वक्‍त, ये है वजह


नई दिल्ली. एक अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादा देर तक सूरज की रोशनी में रहने खासकर अल्ट्रावायलेट किरण के संपर्क में आने का जुड़ाव कोविड-19 से कम मौतों के साथ है. ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर आगे शोध में मृत्यु दर में कमी से जुड़ाव का पता चलता है तो सूरज की रोशनी के संपर्क में ज्यादा देर रहने से सामान्य लोक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है.

2474 लोगों पर हुआ शोध
‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्माटोलोजी’ में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिकी महाद्वीप में जनवरी से अप्रैल 2020 के बीच हुई मौतों के साथ उस अवधि में 2474 काउंटी में अल्ट्रावायलेट स्तर की तुलना की गयी. टीम ने पाया कि अल्ट्रावायलेट किरण के उच्च स्तर वाले इलाके में रहने वाले लोगों के बीच कोविड-19 से कम मौतें हुई.

सूरज की रोशनी की वजह से वायरस की क्षमता घटती है
शोधकर्ताओं के मुताबिक इंग्लैंड और इटली में भी इसी तरह के अध्ययन किए गए. शोधकर्ताओं ने उम्र, समुदाय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, वायु प्रदूषण, तापमान और स्थानीय इलाके में संक्रमण के स्तर को ध्यान में रखते हुए वायरस से संक्रमित होने और मौत के खतरे का विश्लेषण किया. शोधकर्ताओं का कहना है कि सूरज की रोशनी में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा नाइट्रिक ऑक्साइड को बाहर निकाल देती है. इससे वायरस के आगे बढ़ने की क्षमता संभवत: घट जाती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Norway की PM Erna Solberg ने COVID-19 नियमों को दरकिनार कर आयोजित की Birthday Party, लगा जुर्माना
Next post Shah Rukh Khan के बेटे Aryan Khan यशराज स्टूडियो के बाहर हुए स्पॉट, डेब्यू की अटकलें तेज
error: Content is protected !!