May 7, 2024

VIDEO सिम्स के डॉक्टरों की लापरवाही, दुधमुहे बच्चे का हाथ गंवा चुके पीडि़त माता-पिता ने कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार

बिलासपुर/ अनिश गंधर्व. सिम्स के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण दुधमुहे बच्चे का हाथ काटना पड़ गया। पीड़ा बताने पर पीडि़त परिवार को अस्पताल से भगा दिया गया। दर-दर की ठोकर खाने के बाद दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई व मुआवजे की मांग को लेकर बच्चे के माता पिता ने कलेक्टर अवनीश शरण से न्याय दिलाने की मांग की है। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स में मरीजों के साथ जो बर्ताव किया जा रहा है वह किसी छिपा नहीं है। यहां के डॉक्टर और कर्मचारी मरीजों को कमीशन के एवज में निजी अस्पताल में दाखिल कराते हैं। प्रशासनिक उदासिनता के चलते सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर बेलगात हो गये हैं, कार्रवाई नहीं होने के कारण उनका हौसला बढ़ा हुआ है। जून 2023 को एमसीबी जिला के ग्राम जनकपुर में रहने वाले रानी पुरैना पति सुखीराम को प्रसव पीड़ा होने पर सिम्स अस्पलाल में दाखिल कराया गया जहां नार्मल डिलवरी होने के बाद बच्चे को आईसीयू में रखा गया। इस दौरान बच्चे के सीधे हाथ में दवाई डालने के लिए इंजेक्शन पाइप लगाया गया। दवाई के डोज के कारण बच्चे के हाथ में सुजन आने लगा जिसे डॉक्टरों ने मलहम लगाने में पर ठीक हो जाएगा कहकर टाल दिया। बाद में जब बच्चे के हाथ में सडऩ होने लगा तो पीडि़त परिवार के लोग पुन: सिम्स अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। बच्चे की हालत बिगड़ते देख परिजनों ने नागपुर के लोटस अस्पताल में बच्चे को दाखिल कराया जहां गैंगरीन बीमारी का हवाला देते हुए बच्चे के सीधे हाथ काट दिया गया। कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में अपने दुधमुहे बच्चे के साथ पीडि़ता ने सिम्स के डॉक्टरों द्वारा की गई लापरवाही व दुर्भव्यहार की शिकायत करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।

ऐसी घटना किसी के साथ न हो

पीडि़त माता-पिता ने कहा कि जैसा हमारे बच्चे के साथ हुआ है वैसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए। एमसीबी जिला के जनकपुर निवासी सुखीराम ने कहा कि मेरे बच्चे का हाथ डॉक्टरों की लापरवाही के कारण काटना पड़ा। जबकि मेरे बच्चे का जन्म अस्पताल में ही हुआ था, उसकी समस्त जिम्मेदारी सिम्स के डॉक्टरों पर थी किंतु डॉक्टरों ने घोर लापरवाही बरती। समय रहते अगर उचित उपचार किया जाता तो मेरे मासूम बच्चे का हाथ काटना नहीं पड़ता। ऐसा किसी के माता पिता के साथ नहीं होना चाहिए।

राज्य सरकार की हो रही है बदनामी

कलेक्टर कार्यालय में मौजूद एक पुलिस कर्मचारी का पीडि़ता मात-पिता व बच्चे की दशा को देखकर खून खौल गया। उसने इतना तक कह दिया कि दोषी डॉक्टर का हाथ काट देना चाहिए। ताकि डॉक्टरी पेशा को पैसा कमाने का जरिया बना चुके चिकित्सा जगत के लोगों को सबक मिल सके। सिम्स अस्पताल में गरीब मरीजों को जो परेशानी हो रही है उससे सीधे तौर पर छ.ग. सरकार की बदनामी हो रही है। जनहित में सिम्स अस्पताल में पसरी अव्यवस्था और बेलगाम हो चुके डॉक्टर व कर्मचारियों पर राज्य शासन कड़ी कार्रवाई करने की सख्त आवश्यकता है।

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