June 23, 2024

खतरे की घंटी बन सकता है डायबिटीज के साथ मोटापा, कंट्रोल करने के लिए डायट में लें कम कार्ब वाले फूड

मोटापा के कारण डायबिटीज का गंभीर खतरा हो सकता है। अगर अपने आहार में बदलाव किया जाए तो लंबे समय तक टाइप 2 मधुमेह से बचा जा सकता है।

डायबिटिज और मोटापा दोनों ही एकदूसरे से जुड़े हुए हैं, मधुमेह और मोटापा दोनों सामान्य परिस्थिती है, यह दोनों एकदूसरे से काफी मिलते जुलते हैं। दोनों बीमारियों एकदूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं, क्या आप इस बारे में जानते हैं। कम कार्बोहाइट्रेडयुक्त आहार किस तरह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रहेगा। डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रस्त होने से बचें, मधुमेह और मोटापा से लड़ने के लिए इससे बेहतर समय नहीं है, जल्द से जल्द स्वस्थ होने की ठान लें।

​मोटापा और मधुमेह महामारी का संकेत

जो शख्स मोटापे से ग्रस्त है, वह मधुमेह से पीड़ित होता है। अर्थात यह वैश्विक दोहरा खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताया गया है कि मोटापा और शुगर का स्तर बराबर रुप से बढ़ रहा है, यह एक दोहरी महामारी के रुप में उभरकर आ रही है, जो बुरे सपने की तरह कभी भी विस्फोट हो सकती है। हम हमारे जीवनशैली में दो तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिसमें डायबिटीज दोनों बीमरियों में गंभीरता का संकेत देता है। हाल ही के दिनों में मोटापा और मधुमेह यह महामारी को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसमें मधुमेह नामक बीमारी की व्यापकता रुप लेती जा रही है।
​कोविड 19 में बचें मोटापा और मधुमेह से

-19-

मधुमेह की वजह से दुनिया में हर छह सेकंड में हम किसी न किसी को खो रहे हैं और ऐसा सिद्ध भी हुआ है कि जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, इसमें 90 प्रतिशत लोगों के शरीर में वसा की अधिकता पायी गई है। पिछले कुछ दशकों में यह देखा गया है कि यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों के लिए नहीं है, इस बीमारी से अब बच्चे भी पीड़ित हो रहे हैं। वर्तमान महामारी परिस्थितियों में, मोटापा और डायबिटीज के लिए बदतर परिस्थिती है, ऐसे मरीज कोविड-19 की चपेट में आने की ज्यादा संभावना मानी जा रही है।
​कम कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार का करें सेवन

डॉ. ईथन सिम्स ने मोटापे का वर्णन करने के लिए पर्यावरणीय कारकों के साथ एक जीन अन्य जीन को प्रभावित करते हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि मोटापा के कारण डायबिटीज का गंभीर खतरा हो सकता है। जैसा कि उन्होंने मोटापे और डायबिटीज के बीच के गहरे संबंधों की व्याख्या करने की कोशिश की है, उन्होंने प्रयोग कर यह पता लगाने की कोशिश की है कि जो व्यक्ति मोटापन से पीड़ित नहीं है, जिनका कभी वजन बढ़ा नहीं था, वह मोटे हो गए। एक अध्ययन के अनुसार, हमें यह संकेत मिलता है कि जिन लोगों के शरीर में वसा पाया गया है, उन्हें डायबिटीज होने का ज्यादा खतरा है। लो फूड के संस्थापक श्री सुदर्शन गैंगरेड ने डायबिटीज और मोटापे से जुड़े कनेक्शन के बारे में बताया है कि कम वसायुक्त और कम कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार का सेवन करने से हम मधुमेह और मोटापा दोनों को कंट्रोल कर सकते हैं।
​जीवनशैली में बदलाव के चलते बढ़ा मधुमेह का खतरा

बीएमआई वाला कोई भी शख्स, जो 30 से अधिक है, वह मोटा माना जाता है। जीवनशैली में बदलावा के चलते हमें वजन घटाने को लेकर काफी तरीके अपनाने पड़ते हैं, फार्माकोथेरेपी या मांसपेशियों को कम करने और वजन कम करने के लिए शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का उपयोग किया गया है।

कई अध्ययनों ने यह दावा किया है कि अधिक वजन घटाने से ग्लूकोज होमोस्टेसिस में विकसित रुप से सुधार करने में मदद मिली है। व्यक्तियों के जीवनशैली में बदलाव के चलते मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है, अगर अपने आहार में बदलाव किया जाए तो लंबे समय तक टाइप 2 मधुमेह से बचा जा सकता है।

टाइप 2 मधुमेह के विकास में कार्बोहाइड्रेट चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह तब होता है जब आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का स्राव करने में विफल रहता है या फिर इंसुनिल स्त्राव बिगड़ जाता है।

​खानपान में लाएं सुधार

जब आप शक्कर या कार्बोहाइड्रेटयुक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, तो शुगर और इंसुलिन के स्तर में वृद्धि होती है। जैसे ही इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, आपके शुगर के स्तर में भी अचानक कमी आती है। जबकि इंसुलिन हार्मोन पूरी तरह से वसा को स्टोरज करने के लिए जिम्मेदार है। यदि आप अपने खानपान में सुधार नहीं लाते हैं तो आपका शरीर अतिरिक्त शुगर और कोर्बोहाइड्रेट को वसा के रुप में जमा करती है। जिससे मोटापा आता है।
​प्रोटीनयुक्त आहार का करें सेवन

जब आप कम कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार में अतिरिक्त प्रोटीन और वसा का सेवन करते हैं, तो लंबे समय आपको भूख नहीं महसूस करते हैं। इसके अलावा कम कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार आपको हेल्दी बनाए रखने के लिए प्रोटीनयुक्त आहार के सेवन करने पर जोर देते हैं। जिससे आप मधुमेह और दिल की बीमारियों से दूर रहते हैं।
​डॉक्टर से अवश्य करें परामर्श

यह बात हमेशा ध्यान में रखें कि अपने आहार में बदलाव लाने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें। डॉक्टर आपको ज्यादा अच्छे से बता पाएंगे कि कौन सा आहार आपके लिए अच्छा है। कम कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार के सेवन से डायबिटीज की दवाईयों और इंसुलिन की खुराक को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही नियमित रुप से शारिरिक गतिविधि, अच्छी नींद, व्यायाम और तनावमुक्त रहने से यह बीमारियों आपके पास नहीं भटकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post स्कूल-कॉलेज के आस-पास बिक रहे तंबाकू निर्मित सामग्री पर कोटपा एक्ट के तहत करें कार्यवाही : महापौर
Next post क्या Workout के एक घंटे के भीतर प्रोटीन लेना है जरूरी है, नहीं लिया तो क्‍या होगा?
error: Content is protected !!