
प्रतियोगिता नहीं प्यार सिखाता है संस्कार शिविर : ब्रह्माकुमारी मंजू
बिलासपुर. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के टिकरापारा स्थित सेवाकेन्द्र में विगत 29 मई से चले रहे ‘उड़ान’ बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का कल संपन्नता समारोह मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों को सुरक्षित यातायात के नियम व नियम के वैज्ञानिक पहलुओं से अवगत कराने के लिए *विशिष्ट अतिथि के रूप में यातायात पुलिस विभाग से उप-निरीक्षक भ्राता उमाशंकर पाण्डेय जी, आरक्षक शैलेन्द्र सिंह ठाकुर एवं आरक्षक रोशन खेस उपस्थित हुए।
उन्होंने बच्चों को यातायात की परिभाषा से लेकर अन्य नियमों की बारीकियां बतलाते हुए कहा कि पैदलयात्री को सड़क के दाहिने ओर चलना चाहिए ताकि वह सामने से आ रही ट्रैफिक को देख सके। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती। दुर्घटना में प्रभावित होने वाले 80 प्रतिशत लोग पैदलयात्री होते हैं। 18 से कम उम्र के बच्चों को छोटी से छोटी गाड़ी भी नहीं चलानी चाहिए। पैरेन्ट्स भी उन्हें गाड़ी न दें।दोपहिया वाहन में दो से अधिक न बैठें व दोनों को हेल्मेट लगाना चाहिए। इसका वैज्ञानिक कारण है कि दो से अधिक व्यक्तियों के साथ गाड़ी चलाने से गाड़ी को मोड़ना मुश्किल होता है जो दुर्घटना का कारण बनता है। हमारे शरीर का सबसे नाजुक और महत्वपूर्ण भाग हमारा मस्तिष्क है इस पर चोट आने से व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है।सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने यह बतायी कि यदि आपके सामने किसी व्यक्ति का एक्सीडेन्ट हो जाता है तो तुरन्त उसे किसी साधन से अस्पताल पहुंचाएं या 108 या 112 नम्बर पर कॉल करके सूचित जरूर करें, इसके लिए आपसे किसी भी प्रकार का प्रश्न नहीं पूछा जायेगा बल्कि ऐसे जनकल्याण की सेवा करने वालों का शासन हर वर्ष सम्मान करता है। सभी को सुरक्षित यातायात की प्रेरणा देने वाला गीत व सरहद पर देश की रक्षा करने वाले वीर जवानों व हमारे शहीदों को समर्पित करते हुए आरक्षक शैलेन्द्र सिंह जी ने गीत भी गाया।सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने राजयोग शिक्षिका ब्र.कु. शशी बहन व पूर्णिमा बहन की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को संभालना व उन्हें संस्कारवान बनाना बहुत ही श्रेष्ठ कार्य है। सभी बहनों ने अपने उत्तरदायित्व का बखूबी निर्वहन किया। संस्कार शिविर आपसी प्रतियोगिता नहीं बल्कि एक-दूसरे के प्रति सहयोग की भावना रखते हुए प्यार करना सिखाता है। बच्चों से आपने कहा कि अनुशासन में रहना भी बड़ों का सम्मान करना है। पहले और अभी के समय में पीढ़ी एकांतरण का असर ये देखने को मिला कि आज के बच्चों में भावनाओं की कमी आ गई है। अभिभावकों का यह उत्तरदायित्व बनता है कि बच्चों को आध्यात्मिक व नैतिकता युक्त वातावरण दें या ऐसे संस्कार शिविरों व अन्य आध्यात्मिक आयोजनों में बच्चों को शामिल जरूर करें।
यातायात पुलिस से आए अतिथियों, विद्युत उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भ्राता भूषण लाल वर्मा, सेन्ट्रल बैंक के असिस्टेंट मैनेजर भ्राता उमेश जायसवाल , ब्र.कु. रूपा बहन, ज्ञाना बहन व समीक्षा बहन के द्वारा सभी बच्चों को प्रमाण-पत्र, मैडल, ईश्वरीय सौगात व प्रसाद देकर उत्साह वर्धन किया। हार्मनी हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों के साथ उनके अभिभावक गण उपस्थित हुए।