वर्धा. मराठी और  उड़ीया   भाषा  में अंतर संबंध प्रगाढ़ है।  दोनों भाषाएं संस्‍कृति की सशक्त वाहक है।  यह विचार महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा के प्रतिकुलपति डॉ. चंद्रकांत रागीट ने व्‍यक्‍त किए। वे विश्‍वविद्यालय में एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत ‘मराठी-उड़ीया अंतरभाषीय संबंध’ विषय पर  हिंदी विश्‍वविद्यालय एवं उड़ीसा केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के संयुक्‍त तत्‍वावधान में आयोजित ऑनलाइन विशिष्‍ट व्‍याख्‍यान