बिलासपुर. विधानसभा में पारित हुए आरक्षण बिल को राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने पर आज एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अर्पित केशरवानी द्वारा प्रेस वार्ता की गई जिसमें राज्यपाल पर निशाना साधते हुए बीजेपी के साथ मिलकर राजनीति करने का आरोप लगाया साथी पोस्टकार्ड अभियान की शुरुआत की गई। NSUI मुंगेली जिला अध्यक्ष मितेश चंद्राकर ने
बिलासपुर. विधानसभा में पारित हुए आरक्षण बिल को राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने पर आज युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा एवं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे द्वारा संयुक्त प्रेस वार्ता की गई जिसमें राज्यपाल पर निशाना साधते हुए बीजेपी के साथ मिलकर राजनीति करने का आरोप लगाया साथी पोस्टकार्ड अभियान की शुरुआत
हाल ही में पारित नए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले एक माह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार द्वारा इस आंदोलन को खत्म करने के सभी प्रयास विफल हो गए हैं, क्योंकि आंदोलनरत किसान इन कानूनों की वापसी से कम पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं।वास्तव में,
बिलासपुर. केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा अवैधानिक तरीके से पारित तीन किसान विरोधी काले कानून जमाखोरी, मुनाफाखोरी और उपभोक्ता विरोधी कानून के खिलाफ प्रदेश के चरणबद्ध आंदोलन के तहत 10 अक्टूबर को दोपहर 11ः00 बजे से स्थानीय तिलक नगर स्थित कांग्रेस भवन में वर्चुवल किसान सम्मेलन आयोजित है, जिसे राजीव भवन रायपुर से मुख्यमंत्री भूपेश
बिलासपुर. केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी तीन बिल का छत्तीसगढ़ में विरोध,धरना- प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया, पाठ्यय पुस्तक निगम के अध्यक्ष और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी ने वज़िला अध्यक्ष, शहर अध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ताओं से चर्चा कर आगे
रायपुर. आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 को पारित करवा कर मोदी सरकार ने देश मे मंहगाई के बढ़ने के मार्ग को प्रशस्त कर दिया है।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आवश्यक वस्तु शंशोधन अधिनियम 2020 के बाद महत्वपूर्ण सामानों दाल ,आलू , प्याज जैसे वस्तुओं के मूल्य से सरकार का नियंत्रण
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि लोकसभा में पारित दो कृषि बिल भारत जैसे कृषि प्रधान देश के 86 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषकों के हकों के साथ कुठाराघात है और उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाला है। सरकार द्वारा बहुमत का फायदा उठाते हुए अध्यादेश लागू करने के