भारत की ओर देख रही है दुनिया : राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्यारी


वर्धा. महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने कहा है कि दुनिया गांधी की ओर यानि भारत की ओर देख रही है। क्‍योंकि दुनिया में जो समस्‍याएं है उनका समाधान गांधी के दर्शन में है। श्री कोश्‍यारी आज महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा द्वारा गांधी जयंती पर ‘गांधी का दर्शन: वैश्विक साम्प्रदायिकता का समाधान’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने की।


राज्‍यपाल ने कहा कि दुनिया में गांधी विचार और दर्शन की स्‍वीकार्यता है। उनके मार्गदर्शन को लोग स्‍वीकार कर रहे हैं। गांधी दर्शन में कई दृष्टियों का सामंजस्‍य है। उन्‍होंने कहा कि गांधी ने स्‍वतंत्रता सहित जीवन में उन उपकरणों को चुना जो विश्‍व के लिए उपयोगी हैं। इसलिए गांधी के जीवन में जिजीविषा और प्रेरणा का मार्ग प्रशस्‍त होता है। आत्‍मनिर्भरता, आचरण सहित समग्र चिंतन प्रेरक है जिनमें दुनिया अपनी राहें खोजती है। इन्‍हीं उपक्रम से विश्‍व आज आशा की दृष्टि से भारत की ओर देख रहा है।

कार्यक्रम में स्‍वागत एवं विषय प्रस्‍तावना में विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि हम रचनात्‍मक कार्यक्रम से आगे बढ़ रहे हैं और समाज को प्रेरित करने के लिए हर अंध:कार को मिटाने के निमित्‍त दीपोत्‍सव का आयोजन कर रहे हैं। इस अवसर पर कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने राज्‍यपाल महोदय का विश्‍वविद्यालय का स्‍मृतिचिन्‍ह, चरखा, शॉल और सूत की माला से स्‍वागत किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल द्वारा संपादित पुस्‍तक ‘गांधी की उपस्थिति विविध वितान’ का विमोचन राज्‍यपाल महोदय द्वारा किया गया।

विशिष्‍ट अतिथि के रूप में फिल्म अभिनेता श्री नितीश भारद्वाज ने भी आरोग्‍य दीप की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय का यह कदम आज मानव बनाने की प्रक्रिया का स्रोत बनेगा। श्री भारद्वाज ने विश्‍वास जताया कि हम विश्‍वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर हैं। दीपोत्‍सव से सभ्‍यता और संस्‍कृति की अलौकिक दर्शन का पर्याय बनाया जा रहा है।

कवि कुलगुरु कालीदास संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी ने कहा कि गांधी मानवता और सत्‍य के उपासक थे। उनके दर्शन में व्‍यापक मार्ग हैं। इसी प्रेरणा को हिंदी विश्‍वविद्यालय का दीपोत्‍सव प्रखरता से प्रज्‍ज्वलित करेगा । कार्यक्रम का संचालन डॉ. जयंत उपाध्‍याय ने किया तथा आभार कुलसचिव कादर नवाज खान ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का प्रारंभ एवं समापन राष्‍ट्रगान से किया गया। विश्‍वविद्यालय के डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी भवन स्थित कस्‍तूरबा सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में विधान परिषद के विधायक डॉ. रामदास आंबटकर, जिला पंचायत की अध्‍यक्ष सरिता गाखरे, उमरी ग्राम पंचायत की सरपंच नंदा उघडे सहित विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल, प्रो. चंद्रकांत रागीट, श्रीमती कुसुम शुक्‍ल, विद्यापीठों के अधिष्‍ठातागण, विभागाध्‍यक्ष एवं अध्‍यापक प्रमुखता से उपस्थित थे।

महात्‍मा गांधी की 152 वीं जयंती पर हिंदी विश्‍वविद्यालय में दीपोत्‍सव का उद्घाटन राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी जी के द्वारा गांधी हिल्‍स पर दीप जलाकर किया गया। हर वर्ष की भांति विश्‍वविद्यालय गांधी हिल्‍स, सभी छात्रावास और प्रमुख भवन सहित वर्धा नगर के प्रमुख चौराहों पर दीपोत्‍सव का आयोजन किया गया। जिसमें गणमान्‍य नागरिक, शिक्षक, कर्मी और विद्यार्थियों का व्‍यापक सहयोग प्राप्‍त हुआ। दीपोत्‍सव में नगर के प्रमुख गणमान्‍य विदर्भ के अनेक विश्‍वविद्यालयों के कुलपति एवं संस्‍थानों के निदेशक आदि की उपस्थिति रही।

विश्‍वविद्यालय आगमन के अवसर पर राज्‍यपाल महोदय ने विश्‍वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के क्रियान्‍वयन पर बैठक को भी संबोधित किया। बैठक में हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो.रजनीश कुमार शुक्‍ल, एनएनडीटी महिला विश्‍वविद्यालय, मुंबई की कुलपति प्रो. उज्‍ज्‍वला चक्रदेव, संत गाडगेबाबा अमरावती विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिलीप मालखेड़े, वीएनआईटी, नागपुर के निदेशक डॉ. प्रमोद पडोले, भारतीय सूचना प्रोद्योगिकी संस्‍थान नागपुर के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश काकड़े, महात्‍मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्‍थान, सेवाग्राम के अधिष्‍ठाता डॉ. नितीन गगने, एम्‍स नागपुर के प्रोफेसर डॉ. ए. एम. तरनेकर एवं डॉ. योगेश येनारकर प्रमुखता से उपस्थित थे। सभी प्रबुद्धजनों ने नई शिक्षा नीति पर विमर्श किया।

 

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