April 27, 2024

इस होली पर महिला समूहों द्वारा तैयार हर्बल गुलाल के बिखरेंगे रंग

C मार्ट से की जा सकती है हर्बल गुलाल की खरीददारी

बिलासपुर. रंगो का त्योहार होली करीब है और बाजार रंग-गुलाल से गुलजार हैं। रंग-गुलाल के साथ ही होली के विविध सामानों से बाजार सज कर तैयार है। होली के बाजार में मिलने वाले कैमिकल रंग-गुलाल से अलग स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किया गया हर्बल गुलाल है। जो कि प्राकृतिक रंगो से तैयार किया गया है और पूरी तरह सुरक्षित है। जिला पंचायत परिसर में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने होली के सामानों का पंडाल सजाया है जहां वे प्राकृतिक रंगो से तैयार गुलाल की बिक्री कर रही हैं।
नारी शक्ति स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती किरण ठाकरे ने बताया कि समूह द्वारा बनाए गये गुलाल प्राकृतिक रंगो से तैयार किये जाते हैं और ये रंग पूर तरह से सुरक्षित होते हैैं। इन प्राकृतिक गुलाल में टेसू के फूल, पालक के पत्तों, हल्दी एवं चुकन्दर से बने रंग शामिल हैं। इन रंगो में किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। त्वचा के लिए ये गुलाल पूरी तरह सुरक्षित है। किरण ने बताया कि वर्तमान में रोजाना हर्बल गुलाल की अच्छी बिक्री हो रही है जो प्रतिदिन लगभग हजार रूपए से अधिक है।
इस स्टॉल में गुरूघासीदास विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बनाई गई हर्बल गुलाल भी बिक्री के लिए रखी गई है जिसे विश्वविद्यालय के छात्रों ने स्व सहायता समूह से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद तैयार किया है। प्राकृतिक रंग-गुलाल के प्रति बढ़ते रूझान के कारण लोग इन स्टॉलोें का उत्पाद खरीदने पहुंच रहे हैं। आगामी दिनों में हर्बल गुलाल सी-मार्ट से प्राप्त किये जा सकते हैं।

जिला पंचायत परिसर से की जा सकती है हर्बल गुलाल की खरीददारी
बिलासपुर, 22 मार्च 2024/रंगो का त्योहार होली करीब है और बाजार रंग-गुलाल से गुलजार हैं। रंग-गुलाल के साथ ही होली के विविध सामानों से बाजार सज कर तैयार है। होली के बाजार में मिलने वाले कैमिकल रंग-गुलाल से अलग स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किया गया हर्बल गुलाल है। जो कि प्राकृतिक रंगो से तैयार किया गया है और पूरी तरह सुरक्षित है। जिला पंचायत परिसर में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने होली के सामानों का पंडाल सजाया है जहां वे प्राकृतिक रंगो से तैयार गुलाल की बिक्री कर रहीं हैं।
नारी शक्ति स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती किरण ठाकरे ने बताया कि समूह द्वारा बनाए गये गुलाल प्राकृतिक रंगो से तैयार किये जाते हैं और ये रंग पूर तरह से सुरक्षित होते हैैं। इन प्राकृतिक गुलाल में टेसू के फूल, पालक के पत्तों, हल्दी एवं चुकन्दर से बने रंग शामिल हैं। इन रंगो में किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। त्वचा के लिए ये गुलाल पूरी तरह सुरक्षित है। किरण ने बताया कि वर्तमान में रोजाना हर्बल गुलाल की अच्छी बिक्री हो रही है जो प्रतिदिन लगभग हजार रूपए से अधिक है।
इस स्टॉल में गुरूघासीदास विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बनाई गई हर्बल गुलाल भी बिक्री के लिए रखी गई है जिसे विश्वविद्यालय के छात्रों ने स्व सहायता समूह से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद तैयार किया है। प्राकृतिक रंग-गुलाल के प्रति बढ़ते रूझान के कारण लोग इन स्टॉलोें का उत्पाद खरीदने पहुंच रहे हैं। आगामी दिनों में हर्बल गुलाल सी-मार्ट से प्राप्त किये जा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post संवैधानिक एजेंसियों के दुरुपयोग से सत्ता बचाने का कुत्सित प्रयास कर रही है मोदी सरकार
Next post दैनिक छत्तीसगढ़ वाच का स्थापना दिवस मनाया गया
error: Content is protected !!