Toolkit Case में एक्टिविस्ट Disha Ravi गिरफ्तार, Delhi Police को मिली 5 दिन की रिमांड


नई दिल्ली. किसानों के प्रदर्शन (Farmer’s Protest) से जुड़ी ‘टूलकिट’ (Toolkit Case) सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक दिशा रवि को उनकी साइबर सेल टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. इसी मामले को लेकर दिल्ली की एक अदालत ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

देश के खिलाफ इंटरनेशनल साजिश
पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की. पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया, ‘ ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के साथ टूलकिट साझा करने वालों में से रवि भी एक थीं.’ पुलिस के मुताबिक रवि को उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में ‘टूलकिट’ बनाने के साथ उसके प्रचार-प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

मोबाइल और लैपटॉप की होगी जांच

अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है. साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं. दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ की टीम ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने रवि को रविवार को अदालत में पेश किया और उन्हें सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया. पुलिस ने अदालत में ये भी कहा कि भारत सरकार के खिलाफ कथित तौर पर बड़े स्तर पर साजिश रचने और खालिस्तानी आंदोलन में भूमिका को लेकर जांच करने के लिए हिरासत की आवश्यकता है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने की रिहाई की मांग

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है. ‘टूल किट’ में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है. आपको बता दें कि इस सिलसिले में खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को FIR दर्ज हुई थी. पुलिस के अनुसार, ‘टूलकिट’ में एक खंड है, जिसमें कहा गया है. 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों.

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