किसानों को रोग रहित स्वस्थ थरहा पौधे उपलब्ध कराने सरकण्डा में स्थापित की गई है टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट
बिलासपुर. उद्यानिकी विभाग अंतर्गत् विकासखण्ड बिल्हा स्थित शासकीय उद्यान रोपणी सरकण्डा में सब्जी एवं पुष्प थरहा पौध तैयार करने हेतु शासन द्वारा प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट की स्थापना वर्ष 2015 मंे की गई है। प्रत्येक वर्ष प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट के माध्यम से जिले के विभिन्न विकासखण्डों के उन्नतशील कृषकों को शासकीय रियायती दर पर सब्जी एवं पुष्प के थरहा पौधे (स्वस्थ्य एवं रोगरहित) उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के किसान इस यूनिट का उपयोग कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है। शासन की मंशा के अनुसार किसानों के आर्थिक स्तर में सुधार एवं वृद्धि किये जाने के उद्देश्य से जिले के अलावा बिलासपुर संभाग के अन्य जिलों को भी शामिल कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट में तैयार किये गये पौधे अन्य माध्यमों से तैयार थरहा पौधों की तुलना में रोगरहित, स्वस्थ एवं अत्यधिक उत्पादन देने योग्य होते है। कृषकों का रूझान प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट से तैयार थरहा पौधों के माध्यम से सब्जी एवं पुष्प की खेती किये जाने की ओर बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं सब्जी बीज का अंकुरण प्रतिशत भी अन्य माध्यमों से तैयार किये गये पौधों की तुलना में अधिक है।
सामान्यतः कृषकों के द्वारा परम्परागत रूप से थरहा पौध तैयार करने पर बीज का अंकुरण प्रतिशत 65-75 प्रतिशत और अधिकतम 80 प्रतिशत तक होता है। इस विधि से तैयार किये गये पौधों को खेत में रोपित किये जाने पर उनका जीवितता प्रतिशत 60-65 प्रतिशत रह जाता है। जबकि ऐसा देखनेे में आया है कि प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट में स्थापित यंत्र के माध्यम से सब्जी बीज का रोपण निर्धारित ट्रे में करने पर अकंुरण प्रतिशत 95 तक होता है। इसी प्रकार यूनिट में तैयार किये गये थरहा पौधे रोपित किये जाने के पश्चात् उनकी जीवितता प्रतिशत का लगभग 80-90 प्रतिशत पाया गया है। इस प्रकार प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग यूनिट में किसानों के द्वारा यदि स्वयं से बीज देकर थरहा पौध तैयार कराया जाता है तो उन्हें रोगरहित, स्वस्थ पौधे तो प्राप्त होंगे ही साथ ही साथ अधिक संख्या में भी थरहा पौधे मिलेंगे, जिससे स्वाभाविक रूप से सब्जी एवं पुष्प के उत्पादन मंे परम्परागत रूप से तैयार किये गये थरहा के रोपित पौधों की तुलना में अधिक उत्पादन होगा एवं कृषक भाईयों को अधिक प्राप्त हो सकेगी। शासन द्वारा किसानों को पौध रियायती दर पर उपलब्ध हो सके, इसके लिये यदि कृषक स्वयं से बीज क्रय करके थरहा पौध उत्पादन हेतु बीज यूनिट प्रभारी उपलब्ध कराते है, तो प्रति पौधे रू. 0.60 पैसे के मान शुल्क भुगतान करना होगा। यदि कृषक के द्वारा स्वयं से बीज नहीं दिया जाता है तो पौधे प्राप्त कर सकते है। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रत्येक सीजन खरीफ, रबी एवं जायद में लगाई जाने वाली विभिन्न किस्मों के सब्जी एवं पुष्प के थरहा पौधे किसान अपनी आवश्यकता एवं मांग के अनुसार बीज उपलब्ध कराकर प्राप्त कर सकते है।