May 11, 2024

गोधन न्याय योजना रोजगार का बड़ा साधन : चंद्राकर


बिलासपुर. इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको), सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में आज संभागीय सहकारी संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर इफको नैनो यूरिया (तरल) बिक्री का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री चंद्राकर ने कहा की कृषि, सहकारिता व बैंक मिलकर कार्य करेंगे तभी सरकार के उद्देश्य की पूर्ति होेगी और किसानो का कल्याण होगा। उन्होने कहां कि गोधन न्याय योजना सरकार की अनूठी योजना है। गोबर को हम लोग फेंक देते थे और जगह-जगह सड़को पड़ा रहता था आज वह रोजगार का एक बड़ा साधन बन गया है। गोधन न्याय योजना से आज महिलाओं को स्वरोजगार मिल रहा है और गोबर से अलग-अलग उत्पाद बनाकर स्व सहायता समूह की महिलाएं आय प्राप्त कर रही है।

श्री चंद्राकर ने कहा कि इफको किसानो की अपनी संस्था है। पर्यावरण को नुकसान न हो इसको ध्यान में रखकर नैनो यूरिया उत्पाद तैयार कर दिखा दिया हैं कि भारत के वैज्ञानिक रचनात्मक सोंच रखते है। इफको ने यह उत्पाद लाकर किसानो के लिए उपकार का कार्य किया है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में इफको का कारखाना स्थापित हो इसके लिए प्रयास किया जायेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय सहकारी बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहां कि नैनो यूरिया कृषि जगत के लिए एक चमत्कार है। जिसके उपयोग से किसानो को लाभ मिलेगा। इसके आने से भारत की अर्थ व्यवस्था में बहुत फर्क पड़ेगा। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उपसंचालक श्री शशांक सिंदे ने भी उपयोगी जानकारी से प्रतिभागियों को अवगत कराया।

इफको के राज्य विपणन प्रबंधक श्री एस.के. चैहान ने नैनो यूरिया के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि पूरे देश में इसकी बिक्री प्रारंभ हो गई है। यूरिया की 45 किलो की एक बोरी जितना काम करती है उतना ही 500 एमएल की नैनो यूरिया की बाॅटल करेगी। विश्व मे पहली बार इस तकनीक का विकास इ्फको द्वारा किया गया। उन्होने बताया कि खेतो में एक बोरी यूरिया डालने पर उसका 30 से 40 प्रतिशत ही उपयोग होता है। शेष 60 से 70 प्रतिशत यूरिया गैंस बनकर अथवा पानी में घुलकर जमीन मे चला जाता है और जल को प्रदूषित करता है साथ ही अत्यधिक उपयोग से मिट्टी अम्लीय होने लगती है। नैनो के उपयोग से पर्यावरण के साथ-साथ किसानो को भी फायदा है। उन्होने बताया कि गतवर्ष 11 हजार किसानो के खेतो में 91 फसलो मे इसका परीक्षण तथा 41 विश्वविद्यालयों मे रिसर्च प्रकाशित होने के बाद नैनो को बिक्री के लिए लाया गया है। खेतो में 50 प्रतिशत दानेदार यूरिया के बदले नैनो यूरिया के उपयोग से फसलो के उत्पादन में लगभग साढ़े चार प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। उन्होने बताया कि यूरिया की एक बोरी की कीमत 266 रूपए है वही नैनो यूरिया का 500 एमएल 240 रूपए मे किसानो के लिए उपलब्ध है। 50 प्रतिशत यूरिया के बदलें नैनो के उपयोग से सरकार की लगभग 29 हजार करोड़ रूपए की सब्सीडी बचेगी। कार्यक्रम का संचालन इफको के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक नवीन कुमार तिवारी ने किया इस अवसर पर अपेक्स बैंक रायपुर के प्रबंधक अभिषेक तिवारी, संयुक्त संचालक कृषि एम.के चैहान, संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं सुनील तिवारी, उप पंजीयक श्रीमती मंजू पाण्डेय, जिला सहकारी केद्रीय बैंक के सी.ई.ओ. प्रभात मिश्रा, सहायक नोडल अधिकारी आशीष दुबे, इ्फको आमसभा सदस्य डी.पी.सोनी, मार्कफेड जिला विपणन अधिकारी गजेन्द्र राठौर, सहकारी बैंको के शाखा प्रबंधक, पर्यवेक्षक, समिति प्रबंधक उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post मोदी सरकार ना तो सेंट्रल पुल में 60 लाख मैट्रिक टन चावल ले रही है ना ही एथेनॉल बनाने अनुमति दे रही
Next post कक्षाएं प्रारंभ हुई, स्कूलों में उत्साह से पहुंचे विद्यार्थी
error: Content is protected !!