VIDEO : डिजीटल इंडिया मुहिम से जोड़ा गया भारतीय खाद्य निगम

बिलासपुर/अनिश गंधर्व. डिजीटल इंडिया मुहिम से भारतीय खाद्य निगम को जोड़ा गया है। ऑन लाइन और सीसी टीवी के निगरानी में एफसीआई गोदामों में चावलों का भंडारण किया जा रहा है और पूरी निगरानी के साथ उसे परिवहन कराया जा रहा है। चावल की गुणवत्ता, नाप तौल में किसी तरह से गड़बड़ी न हो और न ही किसानों को भुगतान  में किसी तरह की परेशानी न हो इस सबसे ज्यादा गौर किया जा रहा है। लापरवाही की कहीं से कोई गुंजाइश ही नहीं रह गई है। प्रधानमंत्री के मंशा अनुसार देश में कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करने पोषण आहार 2024 से हर गरीब परिवारों को दिया जाएगा। इसी गुढग़ांव के बाद छत्तीसगढ़ में लैब का निर्माण किया जा रहा है जहां चावल से संबंधित सारे टेस्ट किए जा सकेंगे।

करगी रोड कोटा में आज प्रेस वार्ता आयोजित कर भारतीय खाद्य निगम के आला अधिकारियों ने पत्रकारों को गोदामों में रखे गये भंडारण का निरीक्षण कराया और आन लाइन पद्धति हो रही खरीदी और निगरानी के बारे में विस्तार से बताया। भारतीय खाद्य निगम, खाद्य श्रृंखला की आपूर्ति में एक नोडल एजेंसी है जो देश भर में फैले खाद्य भंडारण डिपो के साथ अधिशेष से कमी वाले क्षेत्रों में स्टॉक की पूर्ति कर प्रत्येक उपभोक्ता को खाद्यान्न की आपूर्ति को पूरा करती है। ऐसा ही एक डिपो (एफसीडी करगीरोड) बिलासपुर में है जिसके द्वारा बिलासपुर जिले में 18.733 मीट्रिक टन की क्षमता के साथ अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं के तहत उपभोक्ताओं को खाद्यान्न की आपूर्ति की जा रही है।

महाप्रबंधक ने आयोजित प्रेस वार्ता में योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि भारत सरकार किसानों के फसल का पूरा दाम सहीं समय में मिल जाये इसके लिये पोर्टल बनाया गया है। ऑन लाइन टोकन के माध्यम से संबंधित केन्द्रों में बेचने की सुविधा दी गई है। इसी तरह किसान की कितनी जमीन है, कहां है उसने कहां अपना अनाज बेचा इन सब को ऑन लाइन प्रक्रिया में शामिल किया गया है। इसी तरह चावल की आयु भी तय की गई है। अनाज से भरा वाहन जैसे ही एफसीआई गोदाम में आयेगा उसकी तौल हो जाएगी और पुराना अनाज तो नहीं है वह भी पता चल जाएगा। पूर्व में कर्मचारियों को रही परेशानियों का भी सहीं ख्याल रखते हुए सभी भंडारण केन्द्रों की गणना की गई और उसी हिसाब से उन्हें शिफ्ट किया गया है। अब गोदामों में कार्यरत कर्मचारी भी राहत की सांस ले रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार ब्लॉक स्तर पर भंडारण क्षमता की कार्ययोजना बनाई जा रही है।

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