नाबालिग बालिका के अपहरण का फरार आरोपी हुआ गिरफ्तार, जीपीएम पुलिस की कार्यवाही
बिलासपुर. लगभग साढ़े पांच साल पहले 4 दिसंबर 2015 को पेंड्रा थाने में एक नाबालिक के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। नाबालिक लड़की के पिता ने पेण्ड्रा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग पुत्री को हैंडपंप से पानी लाने के लिए गई हुई थी। उसी दौरान ग्राम बगरा निवासी रोहिणी उपाध्याय पिता मोहन उपाध्याय उसे भगा कर ले गया है। तब पुलिस के काफी खोजबीन करने पर पता नहीं चल पाया। तब नाबालिग के पिता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के आधार पर थाना पेण्ड्रा में अपराध क्रमांक 283/15 धारा 363, 366 आईपीसी एवं 3(1)10 एससी / एसटी एक्ट कायम कर विवेचना की जा रही थी। वर्तमान में प्रकरण की विवेचना अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गौरेला अशोक वाडेगावकर के द्वारा की जा रही थी। प्रकरण के आरोपी की पतासाजी का प्रयास अभी भी जारी था। इसी क्रम में पुलिस को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी थाना हिर्री के ग्राम पेंड्रीडीह में देखा गया है । अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के द्वारा इस बात की जानकारी से पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार को अवगत कराया गया। तब पुलिस अधीक्षक ने तत्काल टीम बनाकर अपहृत बालिका की बरामदगी एवं आरोपी की गिरफ्तारी हेतु निर्देश दिए। इस पर जीपीएम पुलिस की टीम थाना हिर्री के ग्राम पेंड्रीडीह में जाकर आरोपी को दस्तयाब कर अपहृत बालिका को बरामद कर थाना लेकर आ गई। प्रकरण में धारा 376 ipc एवं 4-6 पोक्सो एक्ट जोड़ी जाकर आरोपी रोहिणी उपाध्याय पिता मोहन उपाध्याय निवासी ग्राम बगरा थाना पेंड्रा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया है। इस मामले में काबिले गौर है कि आरोपी विगत 5 वर्षों से फरार था। पुलिस के द्वारा आरोपी को ढूंढने का हर संभव प्रयास किया गया था। इसके बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी तक पुलिस का हाथ नहीं पहुंच पाया। इसी तारतम्य में अविभाजित जिले के पुलिस अधीक्षक के द्वारा रोहिणी उपाध्याय की सूचना देने या पकड़वाने के लिए ₹5000 नगद इनाम की घोषणा की गई थी।