लोक अदालत में 6500 प्रकरण में आपसी समझौता हुआ


बिलासपुर. राष्ट्रीय लोक अदालत में छत्तीसगढ़ में कोर्ट में लंबित 4000 मामलों सहित 6500 प्रकरणों का दोनों पक्षो में समझौता करा कर निपटारा किया गया। इसमें क्षतिपूर्ति राशि के लिए सालो से भटक रहे मोटर दुर्घटना दावा के 375 मामले में 15 करोड़, 83 लाख 51257 रूपये का अवार्ड पारित किया गया है।छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सीजे व् राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक पी आर रामचंद्र मेनन व् राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में 8 फरवरी 2020 को लोक अदालत का आयोजन किया गया। पुरे प्रदेश में 304 खंडपीठ में 16000 प्रकरणों को समझौता के लिये रखा गया। इसमें 6500 प्रकरणों का निपटारा किया गया, जिसमें 4000 मामले अदालतों में लंबित रहा। 2500 प्री लिटिगेशन के मामले निपटाये गए। मोटर दुर्घटना दावा के 375 प्रकरणों में समझौता उपरान्त 15 करोड़, 83 लाख 51 हजार 257 रूपये क्षतिपूर्ति राशि भुगतान करने का अवार्ड पारित किया गया। चेक बाउंस के 829 मामले में171730539 रूपये का निपटान किया गया। 162 पारिवारिक विवाद के मामलो में समझौता कराया गया। इसमें सालो से अलग रह रहे दंपति अदालत से एकसाथ घर गए है। 327 दीवानी , 1736 समझौता योग्य आपराधिक प्रकरणों  का निपटारा किया गया। नेशनल लोक अदालत में सुबह से पक्षकारों की गहमा गहमी का माहौल रहा। इसमें स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर जरूरतमंदों को शासन की स्वास्थ्य योजना  का लाभ भी दिलाया गया।

पति ने अपने कान पकड़े और उठक- बैठक लगाकर पत्नी से गलती के लिए माफी मांगी : लोक अदालत में  परिवार न्यायालय में , एक बहुत ही रोचक घटना क्रम सामने आया। शराब के कमोबेश आदि हो चुके पति ने अदालत में अपना कान पकड़कर भविष्य में कभी शराब नही पीने, मारपीट नही करने और पत्नी को अच्छे से रखने की बात कहते हुए कान पकड़े-पकड़े अदालत में ही उठक-बैठक कर अपने कृत्य के लिये पत्नी से माफी मांगी। पति द्वारा पश्चाताप व्यक्त करने पर पत्नी उसे माफ कर साथ जाने को तैयार हो गई। बिलासपुर जिले के निवासी इस दंपति की शादी वर्ष 2012 में हुई थी। शादी के बाद एक पुत्र का जन्म हुआ। इसके बाद पति का व्यवहार बदल गया। वह रोज शराब पीकर देर रात घर आता व् पत्नी से मारपीट कर मायका से दहेज लाने कहता था। यही नही वह उसे पुणे ले गया यहाँ मारपीट कर उससे खराब बर्ताव करता था। पति की प्रताड़ना से परेशान होकर वह अपने मायके आ गई और  परिवार न्यायालय में वाद पेश कर दिया। 5 वर्ष तक अलग रहने के बाद पति को अपनी भूल का एहसास हुआ। और उसने पत्नी से माफी मांग कर सही बर्ताव का भरोसा दिलाया। इससे उसका परिवार बिखरने से बच गया।

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