डी. पुरंदेश्वरी, तेजस्वी सूर्या, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं नेताओं के संरक्षण में भाजपा नेताओं ने पुलिस पर किया हमला

रायपुर. भाजपा नेताओं के द्वारा आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों एवं महिला पुलिस के साथ की गई गाली गलौज दुर्व्यवहार, मारपीट की घटना की निंदा करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं नेताओं के संरक्षण में भाजपा नेताओं ने सुरक्षा में लगे पुलिस के जवान, महिला कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार मारपीट, गाली गलौज की और सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई। भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दाविहीन हो चुकी है, जनसमर्थन खो चुकी है। भाजपा ने 1 लाख लोगों के साथ आंदोलन करने का दावा किया था लेकिन छत्तीसगढ़ के युवा भाजपा के आंदोलन में शामिल नहीं हुए। भाजपा के दावों की पोल खुल गई और आंदोलन असफल हो गया इससे भयभीत भाजपा के षड्यंत्रकारी नेताओं ने आंदोलन में शामिल युवाओं को उकसा कर सरकारी संपत्तियों पर तोड़फोड़ करवाई महिला पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करवाये और सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों के ऊपर प्राणघातक हमला करवाएं ताकि छत्तीसगढ़ में दंगा हो हिंसा हो सके। भाजपा आंदोलन की आड़ में हिंसा करना चाह रही थी छत्तीसगढ़ की शांत धरा को अशांत करने का षड्यत्र कर रही थी इसे समझ में आता है कि भाजपा आंदोलन नहीं बल्कि दंगा करने की नियत से भीड़ को इकट्ठा करना चाहती थी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने जिस प्रकार से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सिर के हजार टुकडे होने वाले अनिष्ठकारी बयान बाजी की उसके बाद आंदोलन में भाजपा नेताओं ने जिस प्रकार से लाठी डंडा लेकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया प्राणघातक हमला किया पुलिस कर्मियों को चोट पहुंचाई महिला कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया इससे भाजपा के द्वारा रची गई षड्यंत्र का पर्दाफाश होता है। इसके पहले भी पूर्व मंत्री भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने एक आंदोलन के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ गाली गलौज किया था, धक्का-मुक्की की थी। भाजपा का चरित्र ही गुंडा गर्दी करना और अमर्यादित बयानबाजी करना भय फैलाना है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आंदोलन की असफलता को ढकने के लिए जिस प्रकार से भाजपा नेताओं ने पुलिस कर्मियों को उकसाने की साजिश की, पुलिस कर्मियों को चोटिल किया, महिला पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता की, सरकारी संपत्तियों को तोड़फोड़ की, उसके बावजूद पुलिस प्रशासन भाजपा के हिंसक षड्यंत्र को भांपते हुए किसी भी प्रकार से बल प्रयोग नहीं किया और शांतिपूर्ण ढंग से पूरे आंदोलन को मैनेज किया। यह पुलिस प्रशासन की संयम की प्रशंसा जितनी की जाए कम है। पुलिस प्रशासन ने आरएसएस और भाजपा के हिंसक रणनीति को सफल होने नहीं दिया है।

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