November 24, 2024

भाजपा के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र पर अब छत्तीगढ़ की जनता देगी जवाब

भाजपाई बताए कि 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक 2 दिसंबर 22 से आज़ तक राजभवन में लंबित क्यों है?

कांग्रेस कराएगी जातिगत जनगणना, भाजपा और मोदी सरकार सामाजिक न्याय विरोधी है

रायपुर.  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी का मूल चरित्र ही छत्तीसगढ़िया विरोधी है। 15 साल रमन सिंह को अवसर मिला था, छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सहित गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों का भला कर सके। भाजपा नेताओं को 15 साल अवसर था कि छत्तीसगढ़िया संस्कृति और समृद्धि का संरक्षण और संवर्धन करते, लेकिन भाजपाइयों ने स्थानीय छत्तीसगढ़िया जनता की उपेक्षा ही किया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में सर्व समाज को आरक्षण देने का काम पूरी ईमानदारी से किया है। 76 प्रतिशत वाले नवीन आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसी के साथ ही आर्थिक रूप से  कमज़ोर सामान्य वर्ग के लोगों को भी उनकी जनसंख्या के अनुपात में 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस की जनगणना के लिए क्वांटीफायबल डाटा आयोग का गठन कर प्रमाणिक आंकड़े जुटाए गए। विधि विभाग से परीक्षण के बाद विधानसभा में 2 दिसंबर 2022 को सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ है जिसमें सभी वर्गों की आबादी के अनुसार निर्णय लिया गया है यह विधेयक यदि कानून का रूप लेता तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंते। सभी वंचित वर्ग के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने सामाजिक न्याय के फार्मूले को लागू करने का यह विधेयक भूपेश सरकार ने बनाया है। जिसे विगत 11 महीनों से रोकने का सीधा मतलब छत्तीसगढ़ की तीन चौथाई बहुमत का अपमान करना है, छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ आबादी का अपमान करना है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जातिगत जनगणना बहुसंख्यक आबादी के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की हकीकत जानने के लिए बेहद आवश्यक है, ताकि बहुसंख्यक आबादी के हक, हित और अधिकारों के लिए बेहतर योजना बन सके। संघीय ढांचे के अनुसार देश में आम जनगणना करना केंद्र सरकार का दायित्व है, लेकिन अपनी नाकामी को छुपाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार टाल-मटोल और बहानेबाजी करके अपनी जिम्मेदारियां से भाग रही है। 2011 के बाद से आज तक देश में आम जनगणना नहीं हुई है। यदि 2021 में जनगणना हुआ होता तो नए हितग्राही भी सामने आते जिनको तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाता। मोदी सरकार के दुर्भावना और अकर्मण्यता का नुकसान गरीब वर्ग को उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस का वादा है कि सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में पृथक से जातिगत जनगणना किया जाएगा ताकि सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का यथार्थ सामने आए और सरकारी योजनाओं में सामाजिक न्याय का बेहतर फार्मूला लागू किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post सीएम हॉउस की सट्टेबाजी का खेल देश में पहला मामला- अमर
Next post महापौर रामशरण यादव ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात, मिला आश्वासन
error: Content is protected !!