बहादुर कलारिन की स्मृति को जीवंत बनाये रखने की मांग
बहादुर कलारिन एवं किन्नर का
प्रेम कृति का हुआ विमोचन
बिलासपुर/सुप्रसिद्ध नाट्य संस्था आदर्श कला मंदिर एवं प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी द्वारा न्यायमूर्ति श्री चन्द्रभूषण वाजपेयी के मुख्य आतिथ्य में डाॅ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार की अध्यक्षता एवं श्री शिवकुमार बैनर्जी अपर कलेक्टर बिलासपुर,डाॅ. राम नारायण पटेल प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय, डाॅ.आनन्द कश्यप सहायक प्राध्यापक एवं ओएसडी तथा सूरज डडसेना युवा लेखक के विशिष्ट आतिथ्य में प्रसिद्ध नाट्य निदेशक श्री भरत वेद जी की कृति ” किन्नर का प्रेम ” एवं श्री रामकुमार श्रीवास की कृति का विमोचन एवं सम्मान तथा श्री भागवत जायसवाल की कृति ” बहादुर कलारिन ” की लोकार्पण एवं समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
स्वागत भाषण में डाॅ. आनन्द कश्यप एवं निदेशक भरत वेद ने आदर्श कला मंदिर द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी ।
इस अवसर पर शासन से बहादुर कलारिन की स्मृति को जीवंत बनाये जाने हेतु सार्थक प्रयास किये जाने की माँग करने का प्रस्ताव पास किया गया । इस अवसर पर अतिथियों द्वारा भरत वेद और भागवत जायसवाल को शाल श्री फल एवं मोमेंटो भेंट करके सम्मानित किया गया। डाॅ. राघवेन्द्र कुमार दुबे राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी ने भरत वेद को शाल श्री फल भेंट करके सम्मानित किया और कहा कि प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी द्वारा कला साहित्य और संस्कृति के उन्नयन के लिए प्रयास किया जा रहा है ।साहित्य की सभी विधाओं में सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री चन्द्रभूषण वाजपेयी ने कहा कि वर्तमान समय में हमारे छत्तीसगढ़ के गौरवशाली व्यक्तित्वों के इतिहास का उल्लेख किया जाना चाहिए वहीं आवश्यकता इस बात की है कि हमारे यहाँ जो वीर सपूत और वीरांगनायें हुईं, उनके इतिहास को उजागर किया जाना चाहिए । इस दिशा में छत्तीसगढ़ी फिल्म भी बनाई जानी चाहिए ।
अध्यक्षीय उदबोधन में डाॅ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार ने कहा कि बिलासपुर कला साहित्य और संस्कृति की धानी है ।यहाँ साहित्य, कला , संस्कृति, नृत्य, नाट्य कला के पारंगत लोग रहे हैं और खुशी इस बात की है कि नयी पीढ़ी भी बहुत ही कुशलता से इस परंपरा का निर्वहन कर रही है । आज हम देखते हैं कि आज विश्व का इतिहास मालूम है पर अपने प्रदेश की ऐतिहासिक जानकारी नहीं है और यह ज्ञान वर्धन साहित्य से होगा इसलिए ऐसे गौरवशाली इतिहास परक साहित्य लिखा जाना चाहिए । उन्होंने किन्नर विमर्श पर अपनी बात कही कि सुप्रसिद्ध निदेशक भरत वेद जी ने जहाँ किन्नर पर पूर्णतः केन्द्रित प्रथम नाटक ” शिखण्डी” का सृजन और मंचन किया वहीं इनकी दूसरी कृति ” किन्नर का प्रेम ” का विमोचन आज हो रहा है । ऐतिहासिक कृति ” बहादुर कलारिन ” के प्रकाशन एवं समीक्षा के लिए लेखक भागवत जायसवाल को बधाई एवं शुभकामनाएं ।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डाॅ.आनन्द कश्यप ने बहादुर कलारिन कृति और श्री रामकुमार श्रीवास की कृति की समीक्षा की । दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक विशिष्ट अतिथि डाॅ. रामनारायण पटेल ने उपन्यास विधा की विशिष्टताओं की जानकारी देते हुए कृति “बहादुर कलारिन” की समीक्षा की । इस अवसर पर शिवकुमार बैनर्जी अपर कलेक्टर बिलासपुर, और सूरज डडसेना ने कृति बहादुर कलारिन की समीक्षा करते हुए इसे अनुपम और अनूठी कृति निरूपित किया ।
इस अवसर पर आदर्श कला मंदिर के समस्त सदस्यों को सम्मानित किया गया ।इस अवसर पर विजय तिवारी,विष्णु कुमार तिवारी, बुधराम यादव,अमृत लाल पाठक, रमेशचन्द्र श्रीवास्तव,राजेश सोनार,सरस्वती सोनी , अंजनी कुमार तिवारी सुधाकर, आशीष श्रीवास, शत्रुघन जैसवानी, डाॅ. विवेक तिवारी,अशोक शर्मा, अंतिमा पाण्डेय, शीतल प्रसाद पाटनवार, सहित प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी और आदर्श कला मंदिर के साहित्यकार एवं सदस्यगण उपस्थित थे ।कार्यक्रम का संचालन श्रीकुमार पाण्डेय और डाॅ. राघवेन्द्र कुमार दुबे और डा. प्रदीप निरणेजक ने किया ।कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन विष्णु कुमार तिवारी ने किया।