स्वस्थ शरीर और खुशहाल जीवन के लिए दोस्ती है ‘वैक्सीन’ जानिए कैसे
दोस्तों का साथ सिर्फ मस्ती करने के लिए ही नहीं चाहिए बल्कि कई मानसिक (Mental) और भावनात्मक (Emotional) बीमारियों (Disease) से बचाव के लिए भी अच्छे दोस्तों (Friends) का होना बहुत जरूरी है। क्लिनिकल सायकॉलजिस्ट से जानें, दोस्ती कैसे हमें बीमार होने से बचाती है…
इकलौता रिश्ता जिसे हम खुद चुनते हैं
पैदा होने के साथ ही हमें सारे रिश्ते मिल जाते हैं। अगर कोई रिश्ता नहीं मिलता है तो वह है दोस्ती का… क्योंकि दोस्त हम अपनी समझ, समय और भावनाओं के आधार पर बनाते हैं। यहां आज हम उन दोस्तों के बारे में बात करेंगे जिनसे हमारा दिल का रिश्ता होता है। क्योंकि यह रिश्ता हमें कई सेहत संबंधी समस्याओं से बचाता है लेकिन इस बात पर हम कभी गौर ही नहीं करते हैं…
किताबी बातों से अलग दोस्ती का अर्थ
-दोस्ती का अर्थ एक-दूसरे के माइंड को पसंद करना ही नहीं बल्कि एक दूसरे को इमोशनली फील करना और फ्रीडम देना भी है। इंसान एक सामाजिक प्राणी है और इसे समाज में ही रहना पसंद है। इसलिए दोस्ती जैसा रिश्ता इंसान ने खुद बनाया है। दोस्त एक दिन में नहीं बनते बल्कि यह एक प्रॉसेस है। जिसे सींचा जाता है,एफर्ट डालना होता है ताकि बॉन्ड आगे बढ़े।
दोस्ती का आधार क्या है?
-दोस्ती आमतौर पर म्युचुअल अंडरस्टेंडिंग पर होती है। फिलॉस्फर अरस्तू (Aristotle)ने दोस्ती को लेकर अपना ऑब्जर्वेशन दिया है। अरस्तू के अनुसार दोस्ती 3 तरह की होती है। इसका पहला प्रकार है, एक दूसरे से काम के चलते दोस्ती होना।, दूसरा है, खुशियां बांटनेवाले दोस्त, पार्टी और पिकनिक पर साथ जानेवाले दोस्त और रोजमर्रा की लाइफ में काम आनेवाले दोस्त। जबकि तीसरे प्रकार के दोस्त वे होते हैं, जिन्हें लाइक माइंडेड पर्सन कहा जाता है।
लंबे समय तक चलती है ऐसी दोस्ती
-तीसरे प्रकार के दोस्तों के साथ आप पहले दो की तुलना में कम समय बिताते हैं, लेकिन जब भी आप मुसीबत में होते हैं तो उन्हें अपने पास और अपने साथ पाते हैं। आप उनसे बिना किसी डर और झिझक के अपने जीवन और कार्यक्षेत्र से जुड़ी सभी बातें साझा करते हैं।
-पहले और दूसरे प्रकार की दोस्ती की तुलना में तीसरे प्रकार की दोस्ती इस रिश्ते का वास्तविक गुण होता है। यह सेल्फलेस और कंस्ट्रक्टिव नेचर की होती है। इसलिए यही दोस्ती जीवनभर चलती है। लेकिन पहली दो दोस्ती सिर्फ खुशियों पर आधारित होती हैं जो आमतौर पर लंबे समय तक नहीं चल पाती हैं।
जीवन में दोस्तों का रोल
-दोस्ती में उम्मीदें क्या होती हैं। इसी लॉयल, ओनेस्ट , ट्रस्टवर्दी, एक-दूसरे के साथ मस्ती और रिलायब्लिटी जरूरी है। आपकी हर-एक बात को वो सोच सके, समझ सके और आपकी भावना को महसूस कर सके। यही दोस्ती का सबसे बड़ा कनेक्शन है और वो आपको जज भी ना करे। साथ ही आपकी केयर करे और सपॉर्ट भी करे।
-दोस्ती के ये चार गुण ही एक दोस्त को सुख और दुख के साथी बना देते हैं। ऐसे में दोस्त खुशी में साथ में इंजॉय करता है और दुख में मजबूती बनकर साथ खड़ा होता है। आपकी बातें ध्यान से सुनता है तो आपके दिल से जुड़ा होता है। लाइफ के हर ऐंगल में आपके साथ जुड़ा होता है।
मानसिक सेहत के लिए दोस्ती
-दोस्ती का रिश्ता हमें खुशियां देता है। मुश्किल की घड़ी में दोस्त ही काम आते हैं। ऐसा सच्चा दोस्त परिवार की तरह ही हर स्थिति में आपके साथ खड़ा होता है लेकिन आप जो बातें परिवार से नहीं कह पाते वो दोस्त से कह पाते हैं।
– ऐसा दोस्त आपकी भावनात्मक जरूरत, आर्थिक दबाव आदि से उबारने में सहायता करता है। यदि जीवन में कोई सही सलाह देनेवाला और सपॉर्ट करनेवाला होता है, कोई ऐसा जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं। तो आपकी परेशानी बहुत कम हो जाती है।
– अगर ऐसा व्यक्ति बचपन का दोस्त हो तो बात और भी अच्छी होती है। क्योंकि ये आपके परिवार और आपको बहुत अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे दोस्त का साथ आपको स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों से बचने में मदद करता है।
भावनात्मक मजबूती मिलती है
-स्कूल टाइम में जब बच्चा अपनी स्कूल संबंधी या पढ़ाई संबंधी बातें अपने दोस्तों से साझा करता है तो उसका हम उम्र दोस्त ही उसकी समस्या को वास्तविक रूप में समझ पाता है। बचपन की दोस्ती यदि लंबे समय तक टिकती है तो भविष्य की योजनाएं बनाने में ऐसे दोस्त बहुत अधिक मददगार होते हैं। इसका साथ हमें असुरक्षा की भावना से ग्रसित नहीं होने देता है।
मिलिए अपनी एक्सपर्टस से
-यह आर्टिकल क्लीनिकल सायकॉलजिस्ट मालविका परख से बातचीत पर आधारित है। आप इनसे यहां दिए गए नंबर पर अपॉइंटमेंट ले सकते हैं -9811350476 यदि आप ऑनलाइन सेशन लेना चाहते हैं ।