पाकिस्तान में बेरोजगारी चरम पर, चपरासी के एक पद के लिए आए 15 लाख से ज्यादा आवेदन

नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान हुकूमत (Imran Khan Government) लोगों को रोजगार (Jobs) देने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है. इस समय वहां बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) सबसे ज्यादा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां हाई कोर्ट में चपरासी के एक पद के लिए 15 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है.
बीते सोमवार को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 फीसद तक पहुंच गई है, जो इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के 6.5 फीसद के दावे की पोल खोल रही है.
पाकिस्तान में 24% शिक्षित लोग हैं बेरोजगार
डान में छपी एक खबर के अनुसार पीआईडीई ने बेरोजगारी की बढ़ती दर की की समस्या को उजागर किया है. पीआईडीआई के मुताबिक कि पाकिस्तान में इस समय कम से कम 24 फीसद शिक्षित लोग बेरोजगार हैं. योजना और विकास पर सीनेट की स्थायी समिति को अपनी ब्रीफिंग में, पीआईडीई ने कहा कि देश भर में 40 फीसद शिक्षित महिलाएं (स्नातक से कम या स्नातक) भी बेरोजगार थीं.
चपरासी के एक पद के लिए आए 15 लाख आवेदन
रिपोर्ट्स के मुताबिक कि हाल ही में एक विज्ञापित प्रकाशित हुई, जिसमें हाई कोर्ट में एक चपरासी के पद के लिए कम से कम 15 लाख लोगों ने आवेदन किया था. अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे. पीआईडीई के अधिकारियों ने कहा कि सरकार के स्तर पर कोई शोध नहीं किया जा रहा है, यह कहते हुए कि इस तरह के सभी अध्ययन विदेशों से किए गए. समिति ने कहा कि देश में कई शोध संस्थान चल रहे हैं, लेकिन शोध के उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं.
बता दें, इस बीच पाकिस्तान की सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) द्वारा प्रकाशित श्रम बल सर्वेक्षण (एलएफएस) के अनुसार, 2017-18 में पाकिस्तान की बेरोजगारी 5.8 फीसद बेरोजगारी से बढ़कर 2018-19 में 6.9 फीसद हो गई है. सरकार का रोजगार की ओर ध्यान नहीं है. हालांकि, इमरान सरकार को पाकिस्तानी युवाओं को आतंकियों के दस्ते में शामिल कराने में ज्यादा दिलचस्पी है.