May 7, 2024

हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने रक्षामंत्री को पत्र लिखकर रनवे विस्तार के लिये मांगें 200 एकड़ जमीन

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बिलासपुर. हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिये 200 एकड़ जमीन की मांग की है। समिति द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2011 में भारतीय सेना/रक्षा मंत्रालय के द्वारा चकरभाठा बिलासपुर एयरपोर्ट से जोड़कर सेना के ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की योजना बनाई गई थी। इस योजना के अनुसार सेना को एयरपोर्ट का रनवे विस्तार कर उसे बड़े हवाई जहाजों के संचालन हेतु उपयुक्त बनाना शामिल था। जिससे कि सेना के मालवाही हवाई जहाज भी यहा उतर सके। इस उद्देष्य के लिये जिला प्रशासन बिलासपुर के द्वारा 1012 एकड़ भूमि मूलतः किसानों से अधिग्रहण कर एयरपोर्ट के चारों ओर सेना/रक्षा मंत्रालय को प्रदान की गई थी।

पत्र में आगे कहा गया है कि हालांकि विगत 10 वर्षों में सेना के द्वारा उक्त भूमि पर ट्रेनिंग सेंटर या अपना कोई भी संस्थान स्थापित करने की कोई पहल नहीं की है और न ही एयरपोर्ट रनवे विस्तार करने के लिए कोई कदम उठाये है। ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय सेना/रक्षा मंत्रालय बिलासपुर में ट्रेनिंग सेंटर की योजना को ड्रॉप कर चुका है। इस कारण बिलासपुर एयरपोर्ट का विकास भी बाधित हुआ है। वर्तमान में यह एयपोर्ट 1500 रनवे के साथ केवल 72 से 90 सीटर विमानों के लिये उपयुक्त है परन्तु बोईंग और एयरबस जैसे विमानों के लिए रनवे का विस्तार 2500 मीटर तक करना जरूरी है। इस विस्तार के लिये सेना की कब्जे की 1012 एकड़ जमीन में से लगभग 200 एकड़ भूमि की आवष्यकता है।

यह देखते हुए कि सेना के द्वारा उक्त भूमि का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है। और भुमि की अनुपलब्धता के कारण एक व्यापक जनहित का प्रोजेक्ट एयरपोर्ट का विकास प्रभावित हो रहा है, आप से अनुरोध है कि इस मामले में तुरंत दखल देकर रनवे विस्तार के लिए आवष्यक 200 एकड़ भूमि जिला प्रषासन को वापस करने के लिए सहमति दे। छत्तीसगढ़ भूराजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के अनुसार एयरपोर्ट के लिए वापस की गई भूमि के बदल में भारतीय सेना/रक्षा मंत्रालय अन्य भूमि प्राप्त कर सकते है। यदि सेना चकरभाटा बिलासपुर में अभी भी अपना संस्थान स्थापित करना चाहती है तो षेश बची 812 एकड़ भूमि में ऐसा कर सकती है और साथ जुड़ी हुई 200 एकड़ अन्य भूमि भी जिला प्रषासन से हासिल कर सकती है। उपरोक्त परिस्थितियों के मद्देनजर हम अपेक्षा करते है कि आज व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए सेना की कब्जे की 1012 एकड़ भूमि में से लगभग 200 एकड़ भूमि रनवे विस्तार के लिये जिला प्रषासन को वापस देने की सहमति देंगे। इस संबंध में प्रदेष सरकार के द्वारा भी उक्त भूमि की वापसी हेतु आवष्यक निवेदन किया जा चुका है। उपरोक्त पत्र की एक प्रतिलिपि जिला कलेक्टर बिलासपुर को भी भेजी गयी है।

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