May 4, 2024

Phone Tapping के आरोपों पर कांग्रेस पर बरसे Amit Shah, कहा- भारत को बदनाम करने की साजिश


नई दिल्ली. नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन की जासूसी (Phone Tapping) के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर निशाना साधा है. शाह ने कहा कि ऐसे अवरोधक और विघटनकारी अपनी साजिशों से भारत को विकास के पथ से नहीं उतार पाएंगे.

‘भारत को अपमानित करने का प्रयास’

अमित शाह ने कहा कि कथित जासूसी की रिपोर्ट को कुछ लोगों ने आगे बढ़ाया है. उनका एकमात्र उद्देश्य विश्व स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए हर संभव प्रयास करना है. शाह ने कहा, ‘यह विघटनकारियों की अवरोधकों के लिए रिपोर्ट है. विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अवरोधक भारत में राजनीतिक खिलाड़ी हैं जो नहीं चाहते कि भारत उन्नति करे. भारत के लोग इस ‘क्रोनोलॉजी’ और संबंध को अच्छे से समझते हैं.’

‘जनकल्याण के लिए काम करते रहेंगे’

गृह मंत्री ने कहा कि वह भारत के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है. वह राष्ट्रीय कल्याण के लिए लगातार काम करती रहेगी चाहे कुछ भी हो जाए. अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि जो लोग भारत को प्रगति पथ से उतारने की मंशा रखते हैं. वे देश के बारे में वही पुरानी बातें दोहरा रहे हैं. कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे को उछालना अप्रत्याशित नहीं है.

‘कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अनुभव’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘उनके पास लोकतंत्र को कुचलने का पुराना अनुभव है और उनका अपना घर ठीक नहीं है तो वे अब संसद में आने वाली किसी भी प्रगतिशील चीज को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं.’

मीडिया संगठन ने लगाए फोन टैपिंग के आरोप

बताते चलें कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने रिपोर्ट पब्लिश करके आरोप लगाए हैं कि भारत में बड़े स्तर पर अवैध रूप से फोन टैपिंग  को अंजाम दिया गया. रिपोर्ट में आशंका जताई गई कि दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर नंबर संभवतया हैक किए गए.

इजरायली सॉफ्टवेयर से जासूसी

रिपोर्ट में कहा गया कि यह फोन हैकिंग इजराइल के खुफिया जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus Project) के जरिए की गई. यह सॉफ्टवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचा जाता है. यह रिपोर्ट रविवार रात सामने आई, जिसके बाद से भारत समेत कई देशों में हंगामा मचा हुआ है.

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