May 5, 2024

आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल बनाकर सीएम ने गरीब बच्चों को संपन्न वर्ग के समकक्ष खड़ा किया : रामशरण

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल बनाकर गरीब बच्चों को भी संपन्न वर्ग के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया है। अब आपकी जिम्मेदारी बनती है कि सीएम की सोच और सपने को साकार कर अच्छे अंकों से परीक्षाएं पास करें।
ये बातें महापौर रामशरण यादव ने मंगलवार को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम हाईस्कूल मंगला में आयोजित वार्षिकोत्सव व पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से कहीं। इस बीच राजीव गांधी मितान क्लब द्बारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सभापति श्ोख नजीरुद्दीन ने की। विशिष्ट अतिथि एमआईसी सदस्य राजेश शुक्ला, अजय यादव, पार्षद श्यामजी भाई पटेल, राजीव गांधी मितान क्लब के समन्वयक सुधांशु मिश्रा, शाला शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार यादव, हाफिज खान, बबली खान थ्ो। मुख्य अतिथि मेयर श्री यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री श्री बघ्ोल की सोच है कि गरीब परिवार के बच्चे भी फटाफट अंग्रेजी बोलें। उन्हें भी प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई का माहौल मिले। इसके लिए उन्होंने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर गरीब परिवार के बच्चों को एक प्लेटफार्म दे दिया है। उनकी मंशा है कि इस प्लेटफार्म के जरिए ये बच्चे अंग्रेजी शिक्षा की बुलंदियों को छूएं। मेयर श्री यादव ने कहा कि सीएम श्री बघ्ोल हमेशा से सर्वहारा वर्ग के लिए काम करते आ रहे हैं। राज्य बनने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ का गठन कर विलु’ होते छत्तीसगढ़िया ख्ोलों को सहेजने और भावी पीढ़ी को उसमें पारंगत करने का काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने राजीव गांधी मितान क्लब को अस्तित्व में लाया है। हर वार्ड में इस क्लब के दो विंग हैं, जिन्हें हर साल एक-एक लाख रुपए दिए जा रहे हैं। इस राशि से स्कूलों में छत्तीसढ़िया ख्ोलों मसलन, फुगड़ी, पिट्टूल, खो-खो, भौंरा आदि का आयोजन किया जा रहा है। इससे हमारे बच्चों को हमारे पारंगत ख्ोलों के बारे में जानकारी मिल रही है। साथ ही वे इसके जरिए स्वास्थ्य लाभ भी ले रहे हैं।

बच्चों की प्रस्तुति देख अतिथि बोले- जाने का मन ही नहीं हो रहा

वार्षिकोत्सव के दौरान कक्षा पहली से लेकर कक्षा 1०वीं तक के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। छोटी बालिकाओं ने एक साथ कई छत्तीसगढ़ी गीतों पर नृत्य पेश कर कार्यक्रम में रंग भर दिया तो राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित स्कूल के छात्रों ने पंथी नृत्य पेश करते हुए कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। नन्हीं बालिकाओं ने देशभक्ति गीतों के जरिए देशप्रेम का अलख जगाया। बच्चों द्बारा पेश कार्यक्रम इतने मनभावन थ्ो कि उद्बोधन के दौरान आखिरकार अतिथियों को कहना पड़ गया कि उन्हें यहां से जाने का मन नहीं हो रहा है।

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