इन आसान तरीकों को अपनाकर आप सर्दियों के मौसम में भी पर्याप्त पानी पीने की आदत डाल सकते हैं। इससे न केवल बीमारियों से बचाव होगा बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहेगा। सर्दियों के मौसम में खुद को स्वस्थ रखने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है। गर्मियों के मौसम के विपरीत सर्दियों
रात में पैरों को धोने से शरीर की न सिर्फ थकान मिटती है, बल्कि कई अन्य फायदे भी होते हैं। आप चाहें तो पानी में नमक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आमतौर पर हर कोई पूरे दिन काम करने के बाद थक जाता है। चाहे वह ऑफिस का काम हो या फिर रोजमर्रा के
चाय तो आप रोजाना ही पीते होंगे, लेकिन अमरूद की पत्तियों से बनी चाय शायद ही पी हो। अगर आपने कभी अमरूद की पत्तियों की चाय नहीं पी है तो इसे जल्द से जल्द अपनी नॉर्मल चाय से रिप्लेस कर दें। अक्सर लोग जब अमरूद की बात करते हैं तो इसके स्वाद के बारे में
डिप्रेशन और स्ट्रेस के केस दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। इनसे निपटने के लिए अपने आहार में ऐसे फूड शामिल करें, जो ब्रेन को हेल्दी रखने वाले हों। आज-कल की भागती-दौड़ती लाइफस्टाइल में ना तो लोगों के पास अपने लिए समय है ना अपनों के लिए। जिससे डिप्रेशन और स्ट्रेस के केस दिन
आमतौर पर मशहूर हस्तियां अक्सर अपने फिटनेस रूटीन और वजन घटाने के तरीकों से हमें प्रेरित करते रहते हैं। चाहे टेलीविजन कलाकार राम कपूर हों या फिर गायक अदनान सामी, इनके वेट लॉस जर्नी से हर कोई इंस्पायर होता है। हाल ही में पॉपुलर कोरियोग्राफर गणेश आचार्य ने 98 किलो वजन कम किया। इससे पहले
जैसी जरूरत हो वैसी चाय पी लीजिए… क्योंकि खांसी-जुकाम दूर करने से लेकर आपकी ब्यूटी प्रॉब्लम्स सॉल्व करने के लिए भी अलग तरह की चाय हैं… कभी चाय सिर्फ एक ही प्रकार से बनाई जाती थी लेकिन आज के समय में चाय कई अलग-अलग तरह से और कई अलग-अलग चीजों से तैयार की जाती है।
19 साल की महक ने लगभग 8 महीने में 20 किलो वजन कम करके अपने लुक को संवार लिया। अब वह हेल्दी और फिट हैं। साथ ही वह मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं। मोटापा आमतौर पर न केवल सेहत को प्रभावित करता है बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता
पुराने समय से ही हल्दी वाला दूध भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है. हल्दी एक ऐसा इंग्रीडिएंट है जो लगभग हर भारतीय घर में आसानी से उपलब्ध है. कभी न कभी हम सभी को हमारे परिजनों ने हल्दी का गर्म दूध दिया ही है, ताकि आम बीमारी या दर्द से हमें आराम मिल सके. क्या
बढ़ते वजन को नियंत्रित करना आसान काम नहीं है। इसके लिए लाइफस्टाइल में व्यापक बदलाव की जरूरत है। खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव के चलते लोग मोटापे के शिकार हो जाते हैं। एक बार वजन बढ़ जाए, तो वजन कम करना टेढ़ी खीर साबित होता है। विशेषज्ञों की मानें तो डाइट में फैट और
ह्रदय शरीर का प्रमुख अंग है। यह रक्त परिसंचरण में अहम भूमिका निभाता है। जानकारों की मानें तो दिल एक मिनट में तकरीबन 60-90 बार धड़कता है। इस दौरान रक्त शरीर में पहुंचता है। ह्रदय को ऑक्सीजन रक्त से मिलता है। दिल का सेहतमंद रहना बेहद जरूरी है। खासकर सर्दी के दिनों में हृदयघात का
कोरोनाकाल में आपको सेहतमंद रहना हैं तो अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना ही होगा। अदरक हमारी इम्यून पावर बढ़ाने का बेहतरीन सोर्स है, जिसके सेहत के लिए बेहद फायदे है। सर्दी का मौसम है इस मौसम में हम अदरक की चाय पीना बेहद पसंद करते हैं। अदरक ना सिर्फ हमारी चाय का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि
आधुनिक समय में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है। इसके लिए लोग अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देते हैं। हालांकि, गलत खानपान, खराब दिनचर्या और तनाव की वजह से कई बीमारियां जन्म लेती हैं, जिनसे खूबसूरती गायब हो जाती है। इनमें एक बीमारी मोटापा है, जिससे हर तीसरा व्यक्ति परेशान है। लोग बढ़ते वजन को
इंसुलिन क्या है, कैसे बनता है और शरीर में किस तरह से काम करता है? इन सभी सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे… इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो शरीर के अंदर प्राकृतिक रूप से बनता है और रक्त में मिलकर ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। लेकिन हममें
छोटी-सी बात पर गुस्सा आना और बहुत अधिक गुस्सा करना। नहाने के कुछ समय बाद ही शरीर से दुर्गंध आने लगना…ये इस बात के लक्षण हैं कि आपका शरीर पित्तज प्रकृति का है। यानी आपके शरीर में पित्त की अधिकता है। पित्त शरीर में अनेक स्थानों पर प्रमुखता में रहता है और इनके काम भी
नई दिल्ली. सर्दी के दिनों में न केवल सर्दी-खांसी का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि वायु प्रदूषण से दिल और फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचता है. इन दिनों हवा की गुणवत्ता बेहद ख़राब हो जाती है और इससे सांस संबंधी बीमारियां दस्तक देती हैं. एक्सपर्ट की मानें तो सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण से
नई दिल्ली. सर्दियों का मौसम ज्यादातर लोगों को पसंद है पर ये मौसम अपने साथ बहुत सी परेशानियां भी साथ लेकर आता है. खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत तकलीफ देने वाला होता है. अस्थमा को दमा भी कहा जाता है. कोरोना की वजह से ज्यादा रखना होगा ध्यान इस बार तो वैसे दुनियाभर
फ्लू और खांसी के बहुत सारे कारण हो सकते हैं… मौसम में बदलाव, धूल-मिट्टी से होने वाली एलर्जी या फिर जर्म्स जो जाने-अनजाने में आपकी बॉडी में एंटर हो जाते हैं। वैसे तो जुकाम को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका आराम करना और फ्लुएड्स यानी गर्म तरल पदार्थों का सेवन करना। लेकिन कुछ नैचरल
साइनस को साइनोसाइटिस भी कहा जाता है। यह नाक संबंधी रोग है, जिसके कारण ना सिर्फ व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है बल्कि चेहरे की मांसपेशियों में भी दर्द शुरू हो जाता है। साइनस के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बैक्टीरिया, फंगल, इंफेक्शन, एलर्जी, नाक की हड्डी बढ़ना, और अस्थमा। इस समस्या
मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए तुलसी और अजवाइन का पानी रामबाण है। इसका नियमित सेवन करने से वजन तेजी से घटता है। आमतौर पर वजन घटाना कभी भी आसान नहीं होता है। रोजाना अधिक कैलोरी और फैटी फूड्स खाने से शरीर पर वसा की मोटी परत जमा हो जाती है। इस फैट को बर्न
सिर्फ मीट और अंडे से ही नहीं बल्कि इन वेजिटेरियन ऑप्शनंस से भी भरपूर मात्रा में प्रोटीन प्राप्त किया जा सकता है… प्रोटीन हमारे शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है। हमें हर दिन के भोजन में प्रोटीन की जरूरत होती है। ताकि हम स्वस्थ बने रहें। आमतौर पर प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स नॉनवेज