May 4, 2024

बंधुता आधारित समता, स्वतंत्रता का एकमात्र रास्ता है भाषा : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने विश्‍वविद्यालय में गणतंत्र दिवस पर आयोजित ध्वजारोहण के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि बंधुता पर आधारित समता और स्वतंत्रता की निर्मिती का एकमात्र रास्ता भाषा है. भारतीय भाषाओं को कला-संस्कृति की भाषा के साथ साथ ज्ञान-विज्ञान तथा प्रगति की भाषा बनाने के लिए कृत संकल्पित होने की आवश्यकता है.

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. शुक्ल ने  भारतीय स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव और विश्‍वविद्यालय के रजत जयंती वर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्‍वविद्यालय अपने रजत जयंती वर्ष में महात्मा गांधी द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के सपने को पूरा करेगा. साथ ही सन 1975 में प्रथम विश्‍व हिंदी सम्मेलन में देखा गया सपना और विश्‍वविद्यालय की स्थापना पर भारतीय संसद द्वारा देखा गया सपना भी पूरा करेगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का संदर्भ लेते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में शिक्षा का सपना हमारी अहम जिम्मेदारी है। उन्‍होंने कहा कि आईआईटी में भारतीय भाषाओं में पढाई भी प्रारंभ हुई है. अब भारत का युवा भारतीय भाषाओं में डॉक्टर और इंजीनियर भी बन सकेगा.

कुलपति प्रो. शुक्ल ने काशी प्रसाद जयस्वाल के हिंदू पॉलिटी का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय गणतंत्र पद्धति का विचार बुद्ध वचनों से प्राप्त हुआ है. बुद्ध ने संघ के लिए जो व्यवस्था निर्मित की थी वह दुनिया में गणतांत्रिक व्यवस्था का आदर्श है. भारतीय भाषाओं को ज्ञान, विज्ञान और आधुनिक तकनीक से जोड़ने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्र में हमें भारतीय भाषाओं का उपयोग बढाना चाहिए. इसमें हिंदी भाषा अग्रगामी भूमिका निभा सकती है. भाषा के मोर्चे पर हमारी जिम्मेदारी सीमा पर लड़ रहे सैनिक की तरह है, हमें इस चुनौती को स्वीकारते हुए  काम करना होगा. उन्होंने कहा कि हमें स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष ताकत से मनाने वाली पीढ़ी को तैयार करना है जो गर्व के साथ भारत को विश्‍व के प्रथम क्रमांक के राष्ट्र के रूप में देख और महसूस कर सकेगी.

ध्वजारोहण से पहले महात्मा गांधी जी और बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. शुक्‍ल के साथ प्रति कुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल, डॉ. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव कादर नवाज़ खान, अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार, प्रो. अवधेश कुमार, प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी उपस्थित थे. ध्वजारोहण समारोह में अध्यापक, अधिकारी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से बड़ी संख्या में शामिल हुए थे.

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