June 1, 2024

आखिर वो दिन आया जब बिलासपुर से दिल्ली के लिये दो विमानों ने उड़ान भरी

File Photo

बिलासपुर. 1 मार्च आज अखण्ड धरने के 277 वें दिन और 26 अक्टूबर 2019 को अखण्ड धरना प्रारंम्भ होने के 492 दिन बाद आखिर वो दिन आया जब बिलासपुर के बिलासा देवी केंवट हवाई अड्डे से दो विमानों ने दिल्ली के लिये उड़ान भरी। पहले उड़ने वाला विमान प्रयागराज होते हुए दिल्ली रवाना हुआ वहीं दूसरा विमान जबलपुर होते हुए दिल्ली के लिये उड़ा। ऐसा होते ही बिलासपुर अर्न्तदेशी हवाई सेवा के नक्शे में आ गया जिससे तीन राज्य मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और दिल्ली के लिये सीधी हवाई सेवा उपलब्ध है।

इसके पूर्व हुए गरिमामय उदघाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक समेत सभी वक्ताओं ने बिलासपुर की इस उपलब्धि को जन संघर्ष की जीत बताया। केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के द्वारा भी लम्बे समय से की जा रही मांग का जिक्र करते हुए आज इसे पूरा होने में हर्ष व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में संघर्ष समिति से जुड़े विधायक धर्मजीत सिंह, संसदीय सचिव रश्मि सिंह और महापौर रामशरण यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।

समिति के सदस्यों द्वारा आज बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भागीदारी की गई और विभिन्न अवसरों पर तालिया बजाकर विशेष रूप से उत्साह प्रकट किया। समिति की ओर से नारायण आवटी, अशोक भण्डारी, बद्री यादव, समीर अहमद, मनोज तिवारी, मनोज श्रीवास, संजय पिल्ले, कमल सिंह, ब्रम्हदेव सिंह, गोपाल दुबे, अमित नागदेव, केशव गोरख संतोष पीपलवा, पप्पू तिवारी, पवन पाण्डेय, शालिकराम पाण्डेय, अभिषेक चौबे, रामाबघेल, विभूतिभूषण गौतम, चित्रकांत श्रीवास, बबलू जार्ज, दिनेश निर्मलकर, रघुराज सिंह, विजय वर्मा, स्वर्णा शुक्ला, जुही जैन, सीमा पाण्डेय, सीएल मीणा, और सुदीप श्रीवास्तव आज के उदघाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि 3 मांगों (3सी एयरपोर्ट, महानगरों तक उड़ान और 4सी एयरपोर्ट की मंजूरी) को लेकर प्रारंम्भ किए गए जन आंदोलन की प्रथम दो मांगे एक तरह से पूरी हो गयी है। दिल्ली के अलावा अन्य महानगरों तक उड़ानों के प्रस्ताव भी विचाराधीन है। परन्तु 4सी एयरपोर्ट जहा पर बोईंग और एयरबस विमान उतर सके की मंजूरी के मसले विशेष प्रगति नहीं हुई है। इस मार्ग की सबसे बड़ी बाधा सेना के कब्जे में एयरपोर्ट के चारो ओर की 1000 एकड़ जमीन का होना है जिसमें से लगभग 200 एकड़ जमीन एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिये आवश्यक है। इस स्थिति को देखते हुए समिति अपने जनसंघर्ष को जारी रखने के फैसले पर कायम है हालांकि दो मांगों के पूर्ण हो जाने के परिपेक्ष्य में आंदोलन के स्वरूप पर विचार विमर्श कर आगे विस्तृत कार्यक्रम जारी करेंगी।

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