आज के दौर में महिलाओं को अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है-अरुणिमा
बिलासपुर. देश, समाज और अपने परिवार को यदि सशक्त करना है तो हमें आधी आबादी यानी महिलाओं की समग्र देखभाल और हिफाजत करनी होगी। महिलाओं का सम्मान सिर्फ 8 मार्च महिला दिवस को मना लेने और इसमें रस्म अदायगी कर लेने भर से यह संभव नहीं है। महिला दिवस पर आश्रय निष्ठा वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक सचिव अरुणिमा मिश्रा ने कहा कि महिला दिवस पर आयोजन तो हों लेकिन ऐसे आयोजनों में लिए गए संकल्प को धरातल पर भी लाना होगा। समाज में महिलाओं को उचित स्थान दिलाने की पहल, सबसे पहले अपने घर से करनी होगी। घर की महिलाओं का सम्मान और उन्हें सशक्त करने के लिए शिक्षा पर पहले जोर देना होगा। समाजसेवी सुश्री मिश्रा ने कहा कि समाज में पुरुषों की प्रधानता की वजह से आज भी महिलाएं जंजीरों में जकड़ी हुई हैं और उन्हें अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ता है। महिला सशक्तिकरण के लिए अबला- सबला का नारा देने भर से काम नहीं चलेगा इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पुरुषों को भी आगे आना होगा तभी महिलाओं का सम्मान और समाज में बराबरी का दर्जा हासिल होगा।