January 19, 2022
हत्या कारित करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास
जतारा/टीकमगढ़. मीडिया सेल प्रभारी एन.पी. पटेल ने बताया कि दिनांक 26/08/2020 को फरियादी अरविन्द्र पटेल ने इस आशय की देहाती नालसी रिपोर्ट दर्ज करायी कि वह ग्राम सतवारा का रहने वाला है, खेती किसानी का काम करता है, उसका घर सुरेन्द्र पटेल के घर के सामने है, सुबह करीब 06:00 बजे की बात है, वह अपने घर पर था कि सुरेन्द्र पटेल के घर से दोनों की आवाज सुनाई दी तो वह उनके घर के अंदर गया देखा कि सुरेन्द्र पटेल अपनी छत पर खड़ा है, वह अपने दाहिने हाथ में एक 315 बोर देशी कट्टा लिये था, उसने सुरेन्द्र पटेल के कमरे के अंदर देखा तो उसकी पत्नी रेखा पटेल पलंग पर मरी पड़ी थी, उसके पटेल पर कई घाव थे तथा सीने में बांयी तरफ गोली लगने का घाव था, घर के अंदर आंगन में आरोपी का पिता, भाई, मां तथा भाई की पत्नी थी जो रो रही थी तथा कह रही थी सुरेन्द्र पटेल ने मृतक रेखा को गोली मारकर तथा चाकुओं से मारकर हत्या कर दी है, उसने तत्काल अपने मोबाईल से रेखा के भाई राकेश पटेल को फोन लगाया और सूचना दी कि तुम्हारी बहन को उसके पति सुरेन्द्र ने गोली मारकर मार डाला है, फिर उसने थाना पलेरा में सूचना दी। उक्त देहाती नालसी रिपोर्ट के आधार पर थाना में अपराध अंतर्गत धारा 302 भादवि के तहत लेख की गई। अनुसंधान दौरान घटनास्थल का नक्शामौका बनाया जाकर साक्षीगण के कथन अंकित किये गये एवं शव का सीएचसी पलेरा में पीएम कराया गया। थाना दिगौड़ा में आरोपी के विरूद्ध अपराध क्र० 354/2020 अंतर्गत धारा 302 भादवि के तहत पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में जब्तशुदा कट्टा, कारतूस एवं अन्य चीजें एफएसएल सागर परीक्षण हेतु भेजी गयी। आरोपी के विरूद्ध आयुध अधिनियम के तहत अभियोग चलाये जाने हेतु जिला दंडाधिकारी टीकमगढ़ से अनुमति प्राप्त की गयी और इस प्रकार संपूर्ण अनुसंधान के उपरांत आरोपी विरूद्ध 25/27 आयुध अधिनियम का इजाफा किया गया। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। माननीय अपर सत्र न्यायाधीश जतारा श्री एम.डी. रजक द्वारा संपूर्ण विचारण पश्चात् पारित अपने निर्णय में हत्या के आरोपी सुरेन्द्र पटेल को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 10000/-(दस हजार) रूपये के अर्थदण्ड तथा धारा 25/27 आयुध अधि० में 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/-(दो हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। उक्त प्रकरण जघन्य एवं सनसनीखेज श्रेणी का होकर चिन्हित था जिसमें शासन की ओर से पैरवी सुनील कुमार नामदेव, एडीपीओ द्वारा की गई।