May 5, 2024

जातिगत जनगणना से भाग रही है मोदी सरकार, भाजपा को ओबीसी से इतनी नफरत क्यों है?

यूपीए की मनमोहन सरकार के 2013 में तैयार सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना SECC के डेटा सार्वजनिक करे मोदी सरकार

सामाजिक न्याय और पिछड़ों को सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं देना चाहते भाजपाई

रायपुर .  जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की नीति और नियत पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है की देश की बहुसंख्यक आबादी ओबीसी वर्ग से भारतीय जनता पार्टी को आखिर इतनी नफरत क्यों है? स्वयं पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करने का ढोंग करने वाले मोदी जी जब-जब पिछड़ा वर्ग को कुछ देने की बारी आती है तब-तब हमेशा ही अन्य पिछड़ा वर्ग को निराशा किया है। देश भर के लगभग सभी ओबीसी वर्ग के नेता जातिगत जनगणना कराये जाने के पक्ष में है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से लगातार अनुरोध किया कि जनगणना रजिस्टर में जाति का कालम जोड़ा जाए लेकिन अपने आप को पिछड़ा वर्ग का हितैसी प्रचारित करने वाले मोदी सरकार, आरएसएस और भाजपाई नहीं चाहते की ओबीसी को उनकी संख्या के अनुपात में न्याय मिले, सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार नही चाहती कि पिछड़ा वर्ग के आर्थिक, समाजिक स्थिति का सही आंकलन हो सके।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने भी प्रयास किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी कि आरक्षण विरोधी सरकार में पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण के मुद्दे पर ही सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। केंद्र में यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार ने 2011 में सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना SECC शुरु करवाया। मनमोहन सरकार के द्वारा 2013 में आर्थिक जाति जनगणना पूरी हुई, लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद इन जातियों का डेटा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के फैसले के विरोध में ही भाजपा ने वी.पी. सिंह के नेतृत्व तत्कालीन संयुक्त मोर्चा की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और केन्द्र की सरकार को गिरा दिया था।
 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि ओबीसी वर्ग को उनका अधिकार देने का काम छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने किया है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग की जाति का जनगणना भूपेश सरकार ने कराया क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया, उसके आधार पर ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक भी सर्वसम्मति से पारित किया है। छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक आबादी के हित और हक के लिए 76 प्रतिशत आरक्षण का सर्व सम्मति से पारित विधेयक विगत 2 दिसंबर 2022 से आज़ तक, भारतीय जनता पार्टी के षडयंत्रों के चलते ही राज भवन में लंबित है। भाजपा के कथनी और करनी के अंतर को जनता समझ रही है। छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता जातिगत जनगणना के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post गरीबों के आवास छीनने वाले मोदी की पोल खुलने पर भाजपा तिलमिला रही
Next post कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में दर्जनों गणेश उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए
error: Content is protected !!