खेतों में पहुंच राहुल ने कांग्रेस के लिए रोपे सियासी बीज
चंडीगढ़, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शनिवार सुबह अचानक सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के दो हलकों – गोहाना व बरोदा में पहुंचना सामान्य घटना नहीं थी। करीब दो महीने पहले राहुल गांधी इसी तरह से जीटी रोड बेल्ट पर ट्रक चालकों के साथ संवाद कर चुके हैं। इतना ही नहीं, नई दिल्ली से शिमला जाते हुए उन्होंने अपना अधिकांश सफर ट्रक में ही पूरा किया।
बताते हैं कि राहुल ने पहले ही यह तय कर लिया था कि सड़क मार्ग के जरिये वे शिमला तक सीधे नहीं पहुंचेंगे। उनका गाड़ियों का काफिला सुबह-सवेरे अचानक ही गोहाना व बरोदा हलके के गांवों में पहुंच गया। यहां धान की रोपाई कर रहे किसानों व मजदूरों के बीच पहुंच कर उन्होंने धान की रोपाई भी की और ट्रैक्टर भी चलाया। अब राहुल को केवल धान ही रोपने होते तो वे जीटी रोड के किसी भी गांव में यह काम कर सकते थे। वैसे भी जीटी रोड ही धान बहुल बेल्ट है। गोहाना व बरोदा में तो धान की उतनी खेती भी नहीं होती, जितनी की जीटी रोड पर होती है। ऐसे में साफ है कि राजनीतिक कारणों की वजह से ही वे जाट बेल्ट के गोहाना और बरोदा हलके में पहुंचे। इन दोनों ही विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के ही विधायक हैं। सोनीपत को पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाला एरिया माना जाता है। इस वजह से राहुल गांधी का इस एरिया में आना और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
राहुल के बार-बार अचानक हरियाणा में आने की वजह से दूसरे राजनीतिक दलों में भी बेचैनी है। माना जा रहा है कि राहुल की नजरें राष्ट्रीय राजधानी – नई दिल्ली से सटे इस प्रदेश पर हैं। वे हरियाणा आने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। किसी राजनीतिक कार्यक्रम या रैली में आने की बजाय वे सीधे ही लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। वह भी बिना किसी को बताए। गुटबाजी में बंटी प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेता को राहुल के आने की भनक नहीं होती। पिछली बार जहां उन्होंने ट्रक में शिमला तक का सफर किया था तो इस बार वे सीधे किसानों के बीच खेतों में ही जा पहुंचे। बेशक, वे दिल्ली से ही सोचकर चलते हैं, लेकिन स्थानीय नेताओं को उनके आने की जानकारी नहीं होती। हालांकि भाजपाई इसे राजनीतिक स्टंट कह रहे हैं, लेकिन राहुल ने अपने इस अंदाज से हरियाणा के सियासी गलियारों को गरमा दिया है।