चारण और भाटों ने कसीदे काढ़े, नई-नई उपमा और विशेषण गढ़े, “आसमां पै है खुदा (नहीं-नहीं, ईश्वर) और जमीं पै ये”– मार्का  प्रचार के तूमार खड़े करने के लिए पूरी अक्षौहिणी सेना झोंक दी, कर्ज में डूबे, दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे सरकारी खजाने को खोलकर दरबारियों में खैरात, ईनाम- इकराम और जागीरें बँटी,