बिलासपुर. कोविड-19 संक्रमण के दौरान देशव्यापी लॉक डाउन की स्थिति में यात्री गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से बंद किया गया था । उस समय देश के अलग-अलग स्थानों पर फंसे प्रवासियों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया तथा श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया । जैसे-जैसे संक्रमण कम होता गया,
कोरबा. छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत लॉक डाउन अवधि में भी ग्राम ढपढप में गौठान निर्माण कराया गया है, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी संबंधित ग्रामीण मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। इस बात की शिकायत मजदूरों ने छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेताओं के साथ जाकर कटघोरा
नगरी-धमतरी. कोविड 19 महामारी के चलते देश में लॉक डाउन के कारण छोटे बच्चों पर बहुत अधिक दुष्प्रभाव पड़ा है | बच्चो की नियमित पढ़ाई बाधित हुई हैं । शिक्षा के क्षेत्र में नवपहल करते हुए प्राथमिक शाला के कक्षा पहली से पांचवी के बच्चों को कुछ गतिविधियों एवं खेल के माध्यम से व्यस्त रखने
भारत के कई राज्य में लॉक डाउन की वजह से स्कूल और कॉलेज बंद है ऑनलाइन स्कूलों की पढ़ाई और कॉलेजों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की शिक्षा ऑनलाइन चल रही है इसके लिए स्मार्टफोन का बहुत महत्व बढ़ गया है साथ ही कम्प्यूटर टेबलेट कंप्यूटर का भी महत्व बढ़ गया है सभी स्कूलों
भारत के कई राज्य में लॉक डाउन की वजह से स्कूल और कॉलेज बंद है ऑनलाइन स्कूलों की पढ़ाई और कॉलेजों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की शिक्षा ऑनलाइन चल रही है इसके लिए स्मार्टफोन का बहुत महत्व बढ़ गया है साथ ही कम्प्यूटर टेबलेट कंप्यूटर का भी महत्व बढ़ गया है सभी स्कूलों
बिलासपुर. कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर उड़ीसा राज्य में की जा रही लॉक डाउन के मद्देनजर विशाखापट्टनम-रायपुर- विशाखापट्टनम स्पेशल, कुर्ला-पूरी-कुर्ला स्पेशल, कुर्ला- भुवनेश्वर-कुर्ला स्पेशल का परिचालन दिनांक 01 जून’ से 12 जून, 2021 तक अलग अलग तिथियो में रद्द रहेगी । रद्द होने वाली इन ट्रेनों की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है :-
बिलासपुर. विगत 25 तारीख से लॉक डाउन में छूट मिली है,लगभग सभी दुकाने शाम 6:00 बजे तक खोली जा रही है।लोगों के दिन चर्या धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है,लोग काम में जाने लगे हैं,फिर भी जरूरतमंद अभी भी राशन के लिए आ रहे हैं। उनका कहना है कि अभी दुकान खुली है दो-तीन दिन
बिलासपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉक डाउन से पेशेंट की रिकवरी रेट में अप्रत्याशित सुधार आया है पर कुछ निम्न आय वर्ग के लोग जो दिहाड़ी रोजी मजूरी करके अपना व परिवार का भरण पोषण करते थे। उन्हें भोजन तो सामाजिक संस्थाओं द्वारा किसी न किसी रुप में प्राप्त हो
दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग में जब से कोरोना को लेकर जिले में लॉक डाउन लगा है, विगत 45 दिनो से कांग्रेस के युवा नेता अय्यूब खान की दिनचर्या कोरोना से प्रभावित लोगों की मदद करने में देखी जा सकती है, आप को बतादें अय्युब खान कांग्रेस नेता वा डिस्ट्रिक्ट चेयर पर्सन लायंस क्लब द्वारा लगातार
बिलासपुर. कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर उड़ीसा राज्य में की जा रही लॉक डाउन के मद्देनजर विशाखापट्टनम एवं रायपुर के मध्य चलने वाली स्पेशल का परिचालन दिनांक 24 मई से 01 जून’ 2021 तक रद्द किया गया है । रद्द होने वाली इन ट्रेनों की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है :- 1) 08528
बिलासपुर. करोना की भयंकर महामारी को देखते हुए जो लॉक डाउन लगाया गया है वो विगत डेढ़ माह से निरंतर जारी है जिससे गरीब तबके के लोग जो रोज कमाने और रोज खाने पर निर्भर होते है. इसे मजदूर व गरीब परिवारों की चिंता करते हुए वार्ड न 28 प्रियदर्शनी नगर वार्ड के डीपू पारा
बिलासपुर. कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु जनहित में लागू किए गए लॉक डाउन में जहां कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोक लगी है और पेशेंट रिकवरी के अपेक्षित परिणाम आ रहे है वहीं निम्न आय वर्ग उनमें भी रोजी मजूरी चौका बरतन झाड़ू बुहारी करने वाली वे काम काजी महिलाए जो लॉक डाउन के भय से
दिल्ली. देश में दूसरी बार लॉक डाउन लग रहा है। कोरोनावायरस को देखते हुए कई राज्यों दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ ने आपने शहरों और कस्बों में दोबारा से लॉकडाउन लगाया है। इससे व्यापारी वर्ग और दुकानदार और प्राइवेट नौकरी वालों को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। कई व्यापारी और दुकानदार और प्राइवेट नौकरी करने
बिलासपुर/अनीश गंधर्व.कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से जनमानस थर्राया हुआ। लोग अपनी जान माल की चिंता में है। इस गंभीर संकट के दौर में भी रेत माफिया गिरोह अरपा नदी से लगातार अवैध उत्खनन करने में जुटा हुआ है। रेत माफ़िया का हौसला इतना बुलन्द है कि शनिचरी रपटा के पास सुख चुकी अरपा नदी
लॉक डाउन के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं। हमारे लिए लॉक डाउन का मतलब घर पर रहना,बाहर ताक-झांक न करना है। व्यापारियों के लिए लॉक डाउन का मतलब गोडाउन फुल यानी कमाई फुल है।ऐसा भी कह सकते हैं कि उधर हवा फुल, इधर हवा टाइट। कोरोना की कृपा से हमें लॉक डाउन
कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने लगाए गए लॉक डाउन से जहां संक्रमण पर प्रभावी रोक लगी है और पेशेंट के स्वास्थ्य सुधार की रिकवरी बढ़ी है ।वही कुछ लोगो का जनजीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है खासकर रोज कमाने खाने वाला वर्ग व चौक चौराहे पर स्थित होटल ठेले खोमचे की फेंकी
बिलासपुर/अनिश गंधर्व.कोरोना काल का फायदा उठाते हुए शहर के व्यापारी एक बार फिर से कालाबाजारी करने में जुट गए हैं। रोजमर्रा उपयोग में आने वाले सामानों को व्यापारी स्टाक कर लिये है। थोक व्यापारी राशन सामाग्री के अलावा खासकर गुटखा पान मसाला के सामानों की कालाबाजारी कर रहे है, प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होने के कारण
स्टेट बार कौंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ ने कोरोना महामारी और लॉक डाउन के चलते पिछले छह माह से न्यायालय बंद होने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद कसरने और उनके कॉटन कार्यों के लिए 200 करोड़ रुपयों के कार्पस फंड (समग्र निधि) की स्थापना करने की मांग राज्य शासन से की
बिलासपुर. पुलिस द्वारा बेवजह घूम रहे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।वही उन्हें समझाइस देकर छोड़ा जा रहा है, लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले बिना मास्क के घूमने वालों पर पुलिस द्वारा सख्ती बरती जा रही है। बिलासपुर पुलिस ने शहर के अलग अलग चौक चौराहों पर चेकिंग के दौरान बिना मास्क लगाए
अनियंत्रित ढंग से बढ़ती कोरोना महामारी के प्रकोप और लॉक डाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर मोदी सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ और न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था और खाद्यान्न आत्मनिर्भरता को बचाने और ग्रामीण जनता की आजीविका सुनिश्चित करने और देश के संविधान,