May 6, 2024

दूरदर्शी भारत का भविष्य देखने वाले लोककल्याणकारी राजा थे शिवाजी : प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

वर्धा. छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के उपलक्ष्‍य में महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ योजना के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज दूरदर्शी भारत का भविष्य देखने वाले लोककल्याणकारी राजा और विश्व के राजनीतिक इतिहास में सुव्यवस्था के निदर्शक थे।

शिवाजी महाराज की जयंती पर डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी अकादमिक भवन के कस्‍तूरबा सभागार में 19 फरवरी को सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शिवाजी महाराज के जीवन-कार्य और पराक्रम की गाथाओं को प्रस्तुत किया गया ।  कार्यक्रम में श्रीमती कुसुम शुक्ल, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल एवं डॉ. चंद्रकांत रागीट, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपा शंकर चौबे मंचासीन थे ।

अपने उद्बोधन धन में कुलपति प्रो. शुक्ल ने शिवाजी महाराज के पराक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज सही मायने में एक भारत श्रेष्ठ भारत को चरितार्थ करने वाले ऐसे राजा थे जिन्होंने देश की मूल संस्कृति को बचाने का काम किया । केवल मराठा राज्य की स्थापना तक ही उनकी सीमित दृष्टि नहीं थी। वे संपूर्ण राष्ट्र की और उसके गौरव की बात करते थे। उन्हें सुशासन, न्याय और समता आधारित दृष्टि के अनन्य उदाहरण के रूप में याद किया जाएगा।

प्रो. शुक्ल ने देश की सुरक्षा को लेकर शिवाजी महाराज की संरक्षण दृष्टि, सर्व धर्म समभाव तथा उपासना पंथों का सम्मान आदि को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. चंद्रकांत रागीट ने मराठी में अपने विचार रखते हुए कहा कि शिवाजी महाराज पराक्रमी और चारित्र्यवान राजाओं में अग्रगामी राजा थे।  एक जाणता राजा के रूप में उन्होंने महिलाओं को सम्मान दिया और मजदूरों की भी मदद की। महाराष्ट्र के बाहर आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक में भी उन्होंने अपनी कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार किया था।  उनके जीवन मूल्य और आदर्शों से प्रेरणा लेने का आहवान डॉ. रागीट ने किया।

इस कार्यक्रम में ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ योजना के अंतर्गत विश्‍वविद्यालय के जोड़ीदार संस्‍थान ओडिशा केंद्रीय वि‍श्‍वविद्यालय, कोरापुट को भी ऑनलाइन जोड़ा गया। सांस्‍कृतिक कार्यक्रम में शिवा बावनी की सांगीतिक प्रस्‍तुति की गयी। विद्यार्थियों द्वारा शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित संस्कृत कविता का गायन किया गया। डॉ. वागीश राज शुक्ल ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता अपनी ओजस्वी वाणी से प्रस्तुत की।  कार्यक्रम की संयोजक डॉ. प्रियंका मिश्र ने हिंदी में, डॉ. मीरा निचळे ने मराठी में, डॉ. के. बालराजु ने तेलुगु में कविताओं का पाठ किया।

कार्यक्रम का संयोजन ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ योजना की नोडल अधिकारी डॉ. प्रियंका मिश्र, संचालन ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ योजना के सह-नोडल अधिकारी डॉ. सूर्य प्रकाश पाण्‍डेय तथा धन्‍यवाद सहायक प्रोफेसर डॉ. यशार्थ मंजुल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वालन तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।  डॉ. वागीश राज शुक्ल द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति तथा विश्वविद्यालय के कुलगीत से कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन शामिल हुए।

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