May 3, 2024

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए किसान अब 31 अक्टूबर तक करा सकेंगे खरीफ फसलों का पंजीयन

File Photo

बिलासपुर. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने तथा खरीफ फसलों की खेती के लिए योजना के तहत आदान सहायता राशि का लाभ लेने के लिए राज्य के किसान भाई एकीकृत किसान पोर्टल में 31 अक्टूबर 2021 तक पंजीयन करा सकेंगे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में 30 सितम्बर तक पंजीयन कराने की अंतिम तिथि निर्धारित थी, जिसे छत्तीसगढ़ कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आज जारी आदेश के तहत बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 8 सितम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ सीजन की सभी फसलों एवं उद्यानिकी फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया। केबिनेट के इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए किसानों की सहूलियत के लिए पंजीयन की अवधि में एक माह की बढ़ोत्तरी करते हुए 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य के किसान की सहूलियत और पंजीयन की प्रक्रिया को आसान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल तैयार किया गया है। एकीकृत किसान पोर्टल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना तथा उद्यानिकी फसलों के उत्पादक किसानों को लाभ लेने के लिए एक बार पंजीयन कराना होगा। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्यानिकी फसल उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। खरीफ वर्ष 2020-21 में जिस रकबे में किसान द्वारा धान की खेती एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह किसान धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, अन्य अनाज, दलहन, तिलहन, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को आदान सहायता राशि आगामी तीन वर्षों तक देय होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं राज्य खनिज विकास निगम अध्यक्ष गिरीश देवांगन का दौरा कार्यक्रम
Next post ग्रामीण महिलाओं के जीवन में गौठानों ने भरा संपन्नता का नया रंग
error: Content is protected !!