बेजा कब्जा मकानों पर भेदभाव कार्रवाई से नाराज धरने पर बैठीं महिलाएं

 

बिलासपुर। नगर निगम द्वारा चांटीडीह के शासकीय भूमि में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाई गई है। जिसमें अफसरों ने भेदभाव व पक्षपात किया है। 50-55 वर्षों से निवास करने वाले गरीब परिवार को बिना मोहलत दिए जबरन डरा धमकाकर बेदखल किया गया। रहवासियों ने अफसरों पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। सोमवार को भारी संख्या में कलेक्टोरेट के सामने बैठकर प्रदर्शन किया।

अमिता साहू, कुमारी यादव, गायत्री जायसवाल रमा मिश्रा का आरोप है कि चांटीडीह में ईरानी बस्ती है, जो शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे पर बसी हैं। निगम के अफसरों ने सांठगांठ कर उनका बेजा कब्जा नहीं हटाया गया है। ईरानी बस्ती के लोगों के द्वारा वहां खुले आम कहा जा रहा है हमारी ऊपर तक सेटिंग हो गई है। हमारा बेजाकब्जा नहीं हटाया जाएगा। नगर निगम के द्वारा कार्यवाही के समय जो भी बेजा कब्जाधारी यह मकान ईरानी का है कहता तो उनका बेजा कब्जा नहीं तोड़ा जाता। नगर निगम के जेसीबी आगे चला जाता। चांटीडीह व जबड़ापारा क्षेत्रवासियों की जिला प्रशासन व नगर निगम से अपील है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सभी पर समान रूप से होनी चाहिए। धर्म देखकर भेदभाव नहीं होना चाहिए। नगर निगम बिलासपुर के द्वारा भेदभाव पूर्ण कार्यवाई की गई है, जिससे रहवासी बहुत आहत है और आक्रोशित है। उनके ऊपर कार्यवाही नहीं होने व सिर्फ हिन्दुओं के ऊपर कार्यवाई होने से आसपास के क्षेत्रों में हिन्दुओं की संख्या कम हो गई है, जिससे ईरानी बरती के असमाजिक लोगों के अपराध छेडख़ानी, लुटमार, मुडागर्दी बहुत बढ़ गया है। तीन माह पूर्व में नगर निगम आयुक्त द्वारा आश्वासन दिया गया था कि सभी के ऊपर एक समान कार्यवाई होगी। 15 दिवस के भीतर ईरानी बस्ती को भी हटा दी जाएगी। किन्तु अभी तक कोई भी कार्यवाई नहीं हुई है। बार-बार निवेदन करने के बाद भी प्रशासन के पक्षपात पूर्ण व्यवहार से क्षेत्रवासी बहुत आहत है, जिससे अपनी पीड़ा के साथ आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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