दहेज में कार न देने से पत्नी को प्रताड़ित करने वाले आरोपी को 02 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. दहेज में कार न देने से पत्नी को प्रताड़ित करने वाले आरोपी अभिषेक साहू को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला-सागर सुश्री आयुषी उपाध्याय की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा- 498-ए भा.द.वि. के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा- 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सचिन गुप्ता ने की। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा पुलिस अधीक्षक सागर को आवेदन प्रस्तुत किया था, जो महिला थाना सागर को जाॅच हेतु प्राप्त हुआ, जिसमें फरियादी द्वारा यह व्यक्त किया गया है कि, फरियादी का विवाह दिनांक 11.06.15 को अभियुक्त अभिषेक के साथ हुआ था। विवाह में आवेदिका के माता पिता ने अपनी हैसियत के अनुसार दान दहेज दिया था। किन्तु विवाह के पश्चात से ही अभियुक्तगण कम दहेज के लिए ताना देने लगे एवं आई-10 कार की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर अभियुक्त अभिषेक शराब पीकर आता था और फरियादिया के साथ मारपीट करता था एवं अभिषेक के माता पिता व भाई-बहन अभिषेक दहेज व कार माॅगने के लिये उकसाते थे। दिनांक 06.08.15 को फरियादी के माता पिता जब उसकी ससुराल आये तो उनसे भी दहेज की मांग की गयी एवं फरियादिया का समस्त स्त्रीधन छीनकर उसे भगा दिया गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर महिला थाना सागर द्वारा धारा- 498-ए, 406 भा.द.वि. एवं धारा-3, 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता ने बहस के दौरान मामले में सषक्त रूप से अपना पक्ष रखा व न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत कर मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला-सागर सुश्री आयुषी उपाध्याय की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।