May 5, 2024

नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आशीष कुमार शुक्ला, तहसील-खुरई जिला सागर के न्यायालय ने नाबालिग अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर ले जाने के अभियुक्त सुरेन्द्र बालमीकि पिता हुकुमचंद बालमीकि उम्र 20 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत बीना जिला सागर को भादवि की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000 रूपये अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 506/2 के आरोप में 6 माह के सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किये जाने का दंडादेश पारित किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वृंदा चौहान द्वारा की गई।

घटना इस प्रकार है कि दिनांक-05.11.2020 को अभियोक्त्री की मां ने अभियोक्त्री के पिता को फोन पर बताया कि अभियोक्त्री घर पर नहीं है वह कहीं चली गई है। उन्होंने आसपास की रिश्तेदारी में तलाश किया नहीं मिली। अभियोक्त्री के पिता ने थाना खिमलासा में गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसे शक है कि अभियुक्त, अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर कहीं ले गया है। गुम इंसान सूचना के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक-06.11.2020 को अभियोक्त्री को थाना सिटी कोतवाली विदिशा से बरामद किया गया। अभियोक्त्री के धारा 164 दं.प्र.सं. के अंतर्गत कथन कराये गये। विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त अभियोक्त्री को माता पिता को जान से मारने की धमकी देकर पांच मिनिट बात करने का कहकर बीना ले गया था, बीना से भोपाल ले गया था एवं भोपाल में अभियुक्त अभियोक्त्री का घुमाता रहा। वापिस आते समय विदिशा पुलिस ने वाहन चैकिंग में अभियुक्त एवं अभियोक्त्री से पूछताछ की थी एवं पुलिस उनको थाना विदिशा ले गई थी। अभियुक्त अभियोक्त्री को मोबाइल पर मैसेल करता था और फ्रेंडशिप करने के लिए कहता था। साक्षियों के कथन लेख किये गये। घटना का नक्शा मौका तैयार किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

न्यायाल में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय ने अभियुक्त सुरेन्द्र बालमीकि भादवि की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000 रूपये अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 506/2 के आरोप में 6 माह के सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड का दंडादेश पारित किया।

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