नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर. न्यायालय दीपाली शर्मा विषेष न्यायाधीष (लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012), सागर, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी गुल्लू उर्फ संतोष पटैल पिता स्व. गुलाब पटैल उम्र 31 साल, निवासी चारोदा खिरिया थाना मालथौन, हाल गुप्ता गार्डन गुलौआ थाना छोटी बजरिया बीना जिला सागर को धारा 452 भा.द.सं. में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में 03 साल का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 3(1)(ू)(प) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 02 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड धारा 3(2)(अ.क) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी/विषेश अभियोजक रिपा जैन ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता ने थाना में इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि वह दिनांक 04.06.2016 को दिन के करीब 3 बजे घर पर अकेली थी। उसकी माता और पिता काम करने बजरिया गये हुए थे। भाई खेलने गया था तभी अभियुक्त गुल्लू उर्फ संतोष उसके घर के अंदर आया, उस समय वह खाना बना रही थी। अभियुक्त गुल्लू उर्फ संतोष ने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया। पीड़िता ने हाथ छुडाने की कोशिश की और चिल्लाई तो उसका भाई वहां आ गया जिसे देखकर अभियुक्त दरवाजा खोलकर भाग गया। पीड़िता की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत आरोपी गुल्लू उर्फ संतोष पटैल को धारा 452 भा.द.सं. में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 8 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में 03 साल का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 3(1) (प) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 02 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड धारा 3(2)(अ.क) अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 में 01 साल का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया।