गौठानों को स्वावलंबी बनाने के लिए करें समन्वित प्रयास : कलेक्टर


बिलासपुर.कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर ने गोधन न्याय योजना के तहत प्रत्येक विकासखंड के दस-दस गौठानों को स्वावलंबी बनाये जाने के निर्देश जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि 72 गौठानों मे वर्मी खाद का उत्पादन कर 15 नवम्बर तक यह कार्य कर लिया जाये। प्रार्थना सभाभवन में आज गोधन न्याय योजना के तहत कलेक्टर की अध्यक्षता में एकदिवसीय प्रशिक्षण एवं बैठक का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी एवं वर्मी उत्पादन के संबंध में विस्तृत चर्चा की। कलेक्टर ने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि गौठानों की माॅनीटरिंग के लिए 15 दिवस में गोठान समिति, स्व सहायता समूह एवं जिला सहकारी बैंकों के शाखा प्रभारियों की अनिवार्यतः मीटिंग ले।


कलेक्टर ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को वर्मी विक्रय के संबंध में परमिट जारी करने का निर्देश दिया। ग्रामीण विस्तार अधिकारियों को वर्मी कम्पोस्ट के लाभ की जानकारी का प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक करने कहा ताकि यूरिया की खपत कम हो सके। कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को वेस्ट डी-कम्पोजर को क्रय गोबर में प्रयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने वर्मी खाद खरीदी करने के इच्छुक किसानों की सूची तैयार करने कहा जिससे अधिक से अधिक वर्मी खाद के्रता का पंजीयन हो सके एवं वर्मी खाद उत्पादन और ब्रिकी को बढ़ावा मिले। प्रशिक्षण में कृषि विभाग के संयुक्त संचालक द्वारा वर्मी उत्पादन एवं वर्मी गुणवत्ता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने वर्मी खाद में पाये जाने वाले तत्वों  के विषय में एवं वर्मी उत्पादन की गुणवत्ता बनाये रखने की भी जानकारी दी। उप संचालक कृषि ने गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी खाद क्रय के संबंध में चर्चा की। प्रशिक्षण में जिला पंचायत के मुख्य कार्यापालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर, कृषि विभाग के संयुक्त संचालक मनोज चैहान, उप संचालक कृषि शशांक शिंदे, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सुपरवाईजर उपस्थित थे।

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