May 5, 2024

अमर अग्रवाल का बयान छत्तीसगढ़ के आर्थिक हितों के खिलाफ

रायपुर.पूर्व वित्त मंत्री अमर अग्रवाल के जीएसटी क्षतिपूर्ति वाले बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि अमर अग्रवाल का बयान यह साबित करता है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 10 साल तक यूपीए की सरकार में कभी किसी राज्य के साथ भेदभाव और उपेक्षा पूर्ण व्यवहार नहीं होता था। मोदी सरकार में गैर भाजपा शासित राज्यों की लगातार उपेक्षा हो रही है। संघीय ढांचे के खिलाफ राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण मोदी सरकार का मूल चरित्र बन चुका है। अमर अग्रवाल मोदी सरकार के जीएसटी मामले में नाकामी को छुपाने के लिए गलत बयानी कर रहे हैं। जीएसटी लागू करने के समय वन नेशन वन टैक्स का नारा देकर 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के अव्यवहारिक स्लैब में जीएसटी लागू की गई जिसमें अब तक दो हजार से अधिक संशोधन किया गया है। पेट्रोल-डीजल पर आज भी “सेंट्रल एक्साइज“ और “वैट“ लग रहा है। वही जीएसटी के चलते राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 5 साल तक भारत सरकार ने क्षतिपूर्ति राशि देने की घोषणा की है। अब भारत सरकार राज्यों की क्षतिपूर्ति राशि देने में लेटलतीफी कर रही है जिसका नुकसान राज्यों को हो रहा है मोदी सरकार के गलत नीतियों एवं मनमानी तरीके से लागू की गई जीएसटी के कारण देश में व्यापार व्यवसाय चौपट होने के कगार में हैं जिसके चलते जीएसटी की राशि एवं जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि मोदी सरकार सही समय पर राज्य सरकारों को नहीं दे पा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार को 20 हज़ार करोड रुपए जीएसटी क्षतिपूर्ति का लेना बांकी है। मोदी सरकार की राज्य को क्षतिपूर्ति राशि देने में आनाकानी करना मोदी सरकार के विफलता है।
 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अमर अग्रवाल झूठ बोल रहे हैं जीएसटी में कभी नहीं कहा कि भारत सरकार राज्यों को क्षतिपूर्ति देगी बल्कि यह कहा कि राज्यों को होने वाली क्षति की भरपाई जीएसटी काउंसिल करेगी और यह काउंसिल सभी की है। हकीकत यह है कि जीएसटी लागू करने के समय जो सहमति बनी उसका आधार ही उत्पादक राज्यों को पांच साल तक क्षतिपूर्ति देने पर बनी थी। जिस प्रकार से मोदी की छवि चमकाने संघ ने नया नाम देकर पूरा दोष “सिस्टम“ पर मढ़ने का प्रयास किया है, ठीक उसी तरह केंद्र की नाकामी का ठीकरा “जीएसटी काउंसिल“ के नाम पर मढ़ने का अमर अग्रवाल का प्रयास है। इस प्रकार के बहानेबाजी से केंद्र की मोदी सरकार राज्यों के प्रती अपने वित्तीय दायित्व से बच नहीं सकती। जीएसटी काउंसिल पूरी तरह से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन है और राज्यों के वित्त मंत्री उसके सदस्य। विदित हो कि विगत दिनों जीएसटी काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के वाणिज्य कर मंत्री टी एस सिंहदेव ने तीन प्रस्ताव दिए जिस पर लगभग देश के सभी राज्यों की सहमति के बावजूद केंद्र के मोदी सरकार के इशारे पर त्वरित फैसला न लेकर कमेटी गठित करने की बात कही गई। आश्चर्य तो इस बात पर है कि उक्त कमेटी में किसी भी कांग्रेस शासित राज्य के प्रतिनिधि शामिल नहीं किए गए। अमर अग्रवाल याद करें कि मनमोहन सिंह की सरकार के समय जीएसटी की तैयारी के लिए गठित समिति में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन वित्तमंत्री सदस्य के रुप में वे शामिल किए गए थे।अमर अग्रवाल को यह याद होगा जब वे रमन सिंह की सरकार में मंत्री थे 10 साल तक यूपीए के दौरान कभी किसी मामले पर केंद्र सरकार द्धारा भेदभाव नहीं किया गया। संघीय ढांचे के खिलाफ राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण मोदी सरकार का चरित्र है। पहले भी कृषि और मंडीएक्ट जो विशुद्ध रूप से राज्य सूची का विषय है जिस पर कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य सरकार को है मोदी सरकार के द्वारा अधिनायक वादी रवैया अपनाकर तीन कृषि कानून पास किया गया। जिसके खिलाफ पिछले 6 महीने से देश के किसान दिल्ली की सीमा पर जुटे हैं। इलेक्ट्रिसिटी जोक विशुद्ध रूप से राज्य सूची का विषय है उस पर भी मोदी सरकार केंद्रीय अधिनियम लाने की तैयारी में है। बात केवल जीएसटी के क्षतिपूर्ति की राशि रोकने की नहीं है। कोल की रॉयल्टी, विभिन्न केंद्रीय योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री श्रमिक कल्याण रोजगार योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना जैसे महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं में भी छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किया जाना मोदी सरकार के उपेक्षा और पक्षपातपूर्ण नीति को प्रमाणित करता है। रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल जैसे छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता छत्तीसगढ़ के हक और अधिकार की आवाज मोदी सरकार के सामने उठाने के बजाय मोदी सरकार की गलत नीतियों पर पर्दा डालने और भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार को बरगलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। केंद्र के “हम दो हमारे दो“ वाली मोदी सरकार के अधीनायकवादी रवैए के चलते छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को सही सुझाव और जनहित मामलों में सलाह देने की अनुमति तक नहीं है। पूर्व वित्त मंत्री अमर अग्रवाल जैसे छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं की मजबूरी है कि केंद्र की मोदी सरकार के गलत फैसलों पर भी कुतर्क गढ़कर केवल महिमा मंडन करते रहे हैं।

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