May 4, 2024

Srinagar की Jhelum नदी में चलेंगी Bus Boat, अगले महीने होगा उद्घाटन


श्रीनगर. कश्मीर (Jammu Kashmir) की झेलम नदी (Jhelum River) में अब ‘बस बोट’ (Bus Boat) भी चलेंगी. इसके लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनी तीन बस बोट न्यूजीलैंड से मंगवाई गई हैं. ये ‘बस बोट’ आम लोगों के साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र बनेंगी.

न्यूजीलैंड से मंगवाई गईं 3 बस बोट

जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर सरकार कश्मीर घाटी में जल परिवहन को पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है. इसके लिए श्रीनगर (Srinagar) में बहने वाली झेलम नदी में चलाने के लिए न्यूजीलैंड से तीन ‘बस बोट’ (Bus Boat) लाई गई हैं. कई सालों के बाद घाटी में पर्यटकों और आम जनता के लिए इस तरह की जल परिवहन सुविधा खोली जा रही है.

लोग श्रीनगर के लासजन इलाके से कमरवारी तक इस नवीनतम luxurious बोट की सवारी कर सकेंगे. यह पंथाचोक से वीर चट्टाबल तक चलेगी. इसमें 6 स्टॉप होंगे जम्मू-कश्मीर के एलजी ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इस की पहल की है. उनका कहना है कि यह परिवहन का सबसे सस्ता साधन भी होगा और इससे शहर में ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा.

अगले महीने से शुरू होगी सर्विस

बस बोट लाने वाली कंपनी के निदेशक इमरान मलिक कहते हैं कि यह बोट सेवा अगले महीने से शुरू होगी. इसके लिए सभी उपकरण खरीद लिए गए हैं. फिलहाल नदी में तीनों बोट (Bus Boat) का ट्रायल हो रहा है. सड़क परिवहन की तुलना में यह सस्ता साधन होगा. फिलहाल इस प्रोजेक्ट की शुरुआत तीन नावों से की गई है. भविष्य में और बोट भी खरीदी जाएंगी.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक बोट में एयर कंडीशनिंग, एलीसीडी के साथ 35 सीटें हैं. बोट की पूरी छत कांच की बनी हुई है. यह यात्रियों को श्रीनगर शहर का नजारा लेने का मौका देगी. पर्यटन विभाग भी इस बस बोट सर्विस को बढ़ावा देगा. जिससे यह सर्विस शहर की शान बन सके.

बन रही लोगों के आकर्षण का केंद्र

अभी यह ‘बस बोट’ (Bus Boat) शुरू नहीं हुई है लेकिन लोगों के आकर्षण का केंद्र बनने लगी है. स्थानीय युवा मुर्तज़ा रफ़ीक कहते हैं, ‘बोट में बैठकर बहुत अच्छा लगा. नाव में बोट और बस दोनों की फीलिंग एक साथ आई. सरकार को ऐसी सुविधा दूसरी जगहों पर भी शुरू करनी चाहिए. जिससे हर कोई इसका फायदा उठा सके.’

नाव की मरम्मत और देखरेख के लिए इंजीनियर मुंबई से आए हैं. वे अब स्थानीय इंजीनियरों को प्रशिक्षण दे रहे है. जिससे कोई दिक्कत होने पर वे खुद ही नाव को ठीक कर सकें. साथ ही उन्हें ‘बस बोट’ (Bus Boat)को ऑपरेट करने का तरीका भी सिखा रहे हैं.

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