Category: संपादकीय

मोदी का लाल किले के प्राचीर से भ्रष्टाचार और वंशवाद के खिलाफ लड़ाई का आवाह्न राजनीतिक भोथरापन से ज्यादा कुछ नहीं

15 अगस्त 1947 को हम आज़ाद हो गए यह आजादी हमें लाखो कुर्बानियों के बाद हासिल हुई। यह कुर्बानी किसी एक धर्म एक जाति एक रंग ने नही अपितु हिंदुस्तान में रहने वाले सभी धर्म जाति और रंगो ने दी … पर इस आजादी 76 वर्ष बाद में भी सवाल यह है की हमारे शहीदों

भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रलाय ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को  निशा देशमुख के पत्र संदर्भ ग्रहण करने की प्रार्थना की है 

छत्तीसगढ़ की समाज सेविका निशा देशमुख कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न निवारण व्यवस्था तंत्र स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही है । इस विशाल लोकहित की गतिविधि के तहत कामकाजी महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न मुक्त कामकाजी वातावरण दिलवाने के लिए निशा देशमुख ने केंद्रीय मंत्रालयों से संपर्क करके कामकाजी महिलाओं

सत्ता पक्ष और विपक्ष ने देश की अंदरूनी समस्याओं पर विदेशी जमीन पर बाते की पर माफ़ी एक ही क्यू मांगे

वशुधैव कुटुम्बकम, विश्वगुरु, विश्वबंधुतव का नारा सुन ही राहे है.. अगर इनका शाब्दिक अर्थ समझते तो यह बहस ही नहीं होती यैसे में इन सब नारो के बीच यह कहा जारहा है यह आदमी बाहर जाकर कह रहा फिर यह बाहर कैसे हुआ.. यैसे में यह कहना की कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा यह कहना

ताजा चुनाव नतीजे और विपक्ष के लिए सबक..!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) सन् 2022 के ऐन आखिर में हुए तीन बड़े चुनावों में से तीनों में सभी जानते हैं कि बिल्कुल स्पष्ट नतीजा निकला है। यह नतीजा है, गुजरात में भाजपा की, हिमाचल में कांग्रेस की और दिल्ली में, आम आदमी पार्टी की जीत का। यानी कुल मिलाकर इस चक्र के नतीजों को

केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की नियुक्ति में वंचित वर्गों के योग्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के नाम पर किया जा रहा है NFS

भारतीय संविधान जहां वंचित वर्गों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है|  भाजपा सरकार के शासन में खुलेआम संवैधानिक नियमों की अवहेलना हो रही है | सूचना अधिकार नियम आरटीआई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में पिछले 5 वर्षों में सरकार ने  सामाजिक दृष्टि

क्या हाउसिंग सोसायटी अविवाहित लोगों को घर किराए पर लेने से रोक सकता है?

कई मकान मालिकों का कुंवारे या अकेले रह रहे लोगों को घर किराये पर देने का अनुभव अच्छा होता है. साथ ही, कुंवारे लोगों को किराए पर लेना फ्लैट मालिक के लिए अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि वे आपस में खर्चों को विभाजित करके अधिक भुगतान करने को तैयार होते हैं। लेकिन शहरों में हाउसिंग सोसाइटी अक्सर यह

सिलगेर : कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ आदिवासियों का प्रतिरोध आंदोलन

आलेख : संजय पराते/छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में उन पर हुए राजकीय दमन के खिलाफ चल रहे प्रतिरोध आंदोलन को एक साल, या ठीक-ठीक कहें तो 390 दिन, पूरे हो चुके हैं। बीजापुर-जगरगुंडा मार्ग पर पहले से स्थापित दर्जनों सैनिक छावनियों की श्रृंखला में पिछले साल

भगवतीचरण वोहरा : क्रांतिकारी जिसे भुला दिया गया-कल्पना पांडे

भगत सिंह के महत्वपूर्ण साथी भगवतीचरण वोहरा का जन्म 4 नवंबर, 1903 को लाहौर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। वे एक गुजराती ब्राह्मण थे। उनके पिता पंडित शिवचरण वोहरा रेलवे में एक उच्च पदस्थ अधिकारी थे। उन्हें अंग्रेजों द्वारा ‘रायसाहब’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। चूंकि उस समय टाइपराइटर नहीं था, इसलिए भगवती चरण

चंपारण सत्याग्रह : किसानों के शांतिपूर्ण विद्रोह का प्रतीक

इस अप्रैल मे चंपारण के किसान आंदोलन को 105 वर्ष पूर्ण हुए। खेती के कोर्पोरेटाइजेशन या कंपनीकरण और शोषण की संगठित लूट के खिलाफ चले आंदोलन की कई मांगों की जड़ें चंपारण तक पहुंची मिलेंगी। इसके पहले विद्रोह हुए थे परंतु इस तरह का संगठित नियोजनपुर्ण प्रयास नहीं हुआ था। ये एक सदी पहले किसानों

बुलडोजर पुराण : वो बोले, तो सब बोलेंगे कि बोलते हैं!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा ) भई ये विपक्ष वाले पीएम जी को समझते क्या हैं? लीजिए, अब नयी शिकायत लेकर आ गए। कह रहे हैं कि पहले हिंदू नव वर्ष, फिर राम नवमी, फिर हनूमान जयंती, जगह-जगह तलवारों के साथ जुलूस निकल रहे हैं, दंगे हो रहे हैं। अब तो दंगों का सिलसिला राजधानी दिल्ली

तेल की मार देख!

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा/ हम पूछते हैं कि ये मोदी जी के विरोधी और कहां तक गिरेंगे! बताइए, मोदी जी के विरोध में एकदम अंधे ही हुए जा रहे हैं। विरोध के अंधे को सिर्फ काला ही काला नजर आता है। रौशनी दिखाई ही नहीं देती है। अब मोदी जी ने पूरे तेरह दिन में,

मजदूर हड़ताल का संदेश : एक धक्का और दो

आलेख : राजेंद्र शर्मा/ देश भर में करोड़ों मजदूरों की दो दिन की हड़ताल और उसके साथ-साथ देश के बड़े हिस्से में किसानों तथा खेत मजदूरों के ग्रामीण बंद के प्रति मोदी सरकार के लगभग पूरी तरह से अनदेखा ही करने की मुद्रा अपनाने की वजह समझना जरा भी मुश्किल नहीं है। देश के शहरी

विपक्ष को और बांट सकते हैं नतीजे

आलेख : राजेंद्र शर्मा/ अप्रत्याशित भले नहीं हों, लेकिन कुछ हैरान करने वाले जरूर हैं ये नतीजे। विधानसभा चुनाव के मौजूदा चक्र में प्रभावशाली कामयाबी और उसमें भी खास तौर पर उत्तर प्रदेश में जोरदार कामयाबी के मौके पर भाजपा मुख्यालय में हुई समारोही सभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 के आम

गोबर-धन को आने दो!

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा/ आवश्यकता आविष्कार की जननी है, बचपन से सुनते-पढ़ते आए थे। स्कूल में निबंध भी लिखा था। पर छोटी बुद्धि — हमेशा ज्यादा जोर इसी पर रहा कि आवश्यकता नहीं हो, तो आविष्कार भी पैदा नहीं होगा। कभी बड़ा सोचा होता, तो कम से कम दिल से इसके लिए तैयार होते कि

अमेरिका की डिफेंस बिजनेस और यूरोप के डिफेंस बिजनेस के शेयर की कीमतें मार्केट में 16 प्रतिशत से लेकर 52 प्रतिशत तक बढ़ी : अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

यूरोप और अमेरिका की डिफेंस कंपनियों के शेयर में वृद्धि 52% से लेकर 16% तक हुई । यूक्रेन और रूस के युद्ध में डिफेंस बिजनेस कंपनियों के शेयर की वृद्धि हुई है जिनमें प्रमुख अमेरिकी कंपनी और यूरोप की डिफेंस कंपनी है जो आधुनिक हथियार बनाती है टैंक लेजर सिस्टम मिसाइल और अन्य उपकरण और

रुस और यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में अमेरिका और चीन हथियारों बिक्री बढ़ सकती है : अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

यूक्रेन जंग में अमेरिका और चीन की भूमिका पर  दोनों देश अपना फायदा देख रहे हैं। परमाणु युद्ध का भय दिखाया जा रहा है। ये डर पैदा करने का प्रयास है। चीन, इस लड़ाई से खुश है। उसे लग रहा है कि लड़ाई के बाद जो नई आर्थिक व्यवस्था अस्तित्व में आएगी, वह उसके लिए

उप्र चुनाव : पब्लिक भाजपा को माफी देगी या उससे माफी मांगेगी

आलेख : राजेंद्र शर्मा/पूर्वी उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के अंतर्गत, रॉबर्ट्सगंज विधानसभाई क्षेत्र की भाजपा की एक अनोखी जनसभा का वाइरल हुआ वीडियो, चंद सैकेंडों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश के इस विधानसभाई चुनाव की और उसमें भी सब से बढ़कर सत्ताधारी भाजपा की दुर्दशा की कहानी कह देता है, उसे हजारों शब्दों

सोवियत संघ का हिस्सा रहे देश रुस की मदद करेंगे : अतुल सचदेवा सीनियर जर्नलिस्ट

सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्होंने छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मतलब यह है  अगर रूस पर हमला होता है  सोवियत संघ हिस्सा रहे देश सभी खुद पर भी हमला मानेंगे।  अजरबेजान भी रूस की मदद

इंडिया को इस समय रुस की राजनीति और कुटनीति समझना चाहिए : अतुल सचदेवा, सीनियर जर्नलिस्ट

रुस और यूक्रेन में युद्ध के दौरान उनकी कुटनीति और विदेश नीति को समझें । रुस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान वहां पर यात्रा पर हैं इस समय में इमरान खान यात्रा क्यों हो रही है । रुस की कुटनीति और विदेश नीति को समझें । इस समय रुस और यूक्रेन युद्ध में कुटनीति

खिसियानी भाजपा विकास का मुखौटा नोचे!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा)/ उत्तर प्रदेश में मतदान के तीसरे चरण तक पहुंचने से पहले ही संघ-भाजपा का दम फूल गया लगता है। इसके लक्षण एक नहीं, अनेक हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण लक्षण तो यही है कि पहले दो चरणों में मतदाताओं के रुझान और तीसरे चरण के प्रचार तक आम तौर पर मतदाताओं के
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